महाराष्ट्र डॉक्टर आत्महत्या मामला: सॉफ्टवेयर इंजीनियर के बाद 'बलात्कार' का आरोपी सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार
सतारा में 29 वर्षीय महिला डॉक्टर की आत्महत्या ने राज्यभर में हलचल मचा दी. सुसाइड नोट में मानसिक और यौन उत्पीड़न के आरोप लगे, जिन पर एक पुलिस उपनिरीक्षक और सॉफ्टवेयर इंजीनियर गिरफ्तार हुए. मुख्यमंत्री फडणवीस ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया, जबकि मामला राजनीतिक विवाद में बदल गया.

सताराः महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक 29 वर्षीय महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है. पुलिस ने इस मामले में एक पुलिस उपनिरीक्षक और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को गिरफ्तार किया है. डॉक्टर गुरुवार को फलटण उप-जिला अस्पताल में तैनात थीं और फलटण स्थित अपने होटल के कमरे में मृत पाई गईं.
सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप
डॉक्टर के हाथ पर लिखे सुसाइड नोट में दो नाम दर्ज थे, प्रशांत बांकर और गोपाल बदाने. नोट में उन्होंने प्रशांत बांकर पर मानसिक उत्पीड़न का और पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल बदाने पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया.
पुलिस जांच
सतारा के एसपी तुषार दोशी ने बताया कि डॉक्टर और बांकर के बीच पहले निकट संबंध थे, जो हाल के हफ्तों में बिगड़ गए थे. पुलिस ने बताया कि चैट और कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि डॉक्टर संबंध में अत्यधिक भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई थीं और बांकर से दूरी बनाए जाने पर तनावग्रस्त हो गईं. एक अधिकारी के अनुसार, “उनके बीच लगातार बहस होती थी, जिससे मानसिक दबाव बढ़ता गया.”
आखिरी बातचीत
बांकर की बहन ने बताया कि पिछले महीने जब उनका भाई डेंगू से पीड़ित था, तब डॉक्टर उनका इलाज कर रही थीं. इसी दौरान दोनों में फिर से नज़दीकियां बढ़ीं. बहन ने खुलासा किया कि आत्महत्या से एक दिन पहले डॉक्टर ने कई बार बांकर को फोन किया और लगातार संदेश भेजे. परिवार ने पुलिस को सभी कॉल और चैट रिकॉर्ड सौंप दिए हैं.
पुलिस पर आरोप
डॉक्टर की एक शिकायत में यह भी दावा किया गया था कि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और एक सांसद उन पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेराफेरी का दबाव डाल रहे थे. इन आरोपों ने मामले को और जटिल बना दिया है. जांच में यह भी सामने आया कि बांकर के पिता ने विवाद शांत कराने के लिए पुलिस उपनिरीक्षक बदाने से हस्तक्षेप करने को कहा था.
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को “बेहद दुखद और संवेदनशील” बताया. उन्होंने कहा, “जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे सख्त सजा दी जाएगी. संबंधित पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.”
साथ ही उन्होंने विपक्ष से अपील की कि इस मामले को राजनीतिक रंग न दिया जाए.
हालांकि, मामला तब राजनीतिक मोड़ लेता दिखा जब यह खुलासा हुआ कि डॉक्टर ने पहले एक जांच समिति को बताया था कि एक सांसद के सहयोगियों ने उन्हें सरकारी काम में सहयोग करने को कहा था. विपक्षी नेताओं ने इस आधार पर पूर्व भाजपा सांसद रंजीतसिंह नाइक निंबालकर पर दबाव डालने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने निराधार बताया.
न्याय की मांग
डॉक्टर की मौत के बाद महाराष्ट्र में चिकित्सक समुदाय और जनता में भारी आक्रोश है. सोशल मीडिया पर #JusticeForDoctor ट्रेंड कर रहा है और लोगों ने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है. पुलिस अब सुसाइड नोट, कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी और बयान के आधार पर गहन जांच कर रही है.


