MiG-21 farewell: कौन हैं स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा, ऐतिहासिक फ्लायपास में शामिल IAF पायलट?
MiG-21 farewell: भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान MiG-21 26 सितंबर को रिटायर हो रहा है. 23वें स्क्वाड्रन के अंतिम मिग-21 जेट विमान को चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन पर अंतिम विदाई दी जाएगी. एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह स्क्वाड्रन की अंतिम उड़ान भरेंगे. इस ऐतिहासिक फ्लायपास में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा भी शामिल होंगी.

MiG-21 farewell: भारतीय वायु सेना के आकाश में छह दशकों से उड़ान भरने वाला MiG-21 अब हमेशा के लिए रिटायर होने जा रहा है. इसका भव्य विदाई समारोह चंडीगढ़ एयर फोर्स स्टेशन में आयोजित होगा. बता दें कि ये वही स्थान जहां इस जेट ने पहली बार भारतीय वायु सेना में सेवा शुरू की थी.
आधिकारिक तौर पर MiG-21 के ऑपरेशन्स का समापन 26 सितंबर को एक शानदार फ्लायपास और डी-कमीशनिंग इवेंट के साथ होगा, जो भारतीय वायु शक्ति के इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय को बंद करने का प्रतीक है. अंतिम MiG-21 जेट्स को उन्हें चंडीगढ़ में अंतिम सलामी दी जाएगी. इस दौरान एयर चीफ मार्शल एपी सिंह बादल 3 नाम से स्क्वाड्रन की अंतिम उड़ान भरेंगे.
#MiG21 culmination ceremony
— Indian Air Force (@IAF_MCC) September 25, 2025
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कौन हैं स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा?
स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा उन पायलटों में शामिल होंगी जो MiG-21 के ऐतिहासिक फ्लायपास में भाग लेंगी. उन्होंने बुधवार को आयोजित फुल ड्रेस रिहर्सल में भी उड़ान भरी थी. इस दौरान 23वें स्क्वाड्रन की छह जेट्स लैंडिंग पर वाटर कैनन सलूट प्राप्त करेंगी, जिसमें प्रिया शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
2018 में एयर फोर्स अकादमी, डुंडिगल से स्नातक होने वाली शर्मा, भारतीय वायु सेना की सातवीं महिला फाइटर पायलट हैं. उन्हें अपनी ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद तत्कालीन आर्मी चीफ बिपिन रावत द्वारा फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन किया गया.
राजस्थान के झुंझुनू जिले की रहने वाली शर्मा ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए वायु सेना में शामिल होने का फैसला किया. इंजीनियरिंग की डिग्री रखने वाली शर्मा अपनी बैच की एकमात्र महिला फाइटर पायलट थीं. उन्होंने शुरू में हकिमपेट एयर फोर्स स्टेशन, हैदराबाद में सेवाएं दीं और बाद में स्टेज 2 और स्टेज 3 एडवांस फाइटर ट्रेनिंग के लिए बिदर एयर फोर्स स्टेशन, कर्नाटक चली गईं.
प्रिया शर्मा बताती हैं कि उनका उड़ान के प्रति जुनून बचपन में शुरू हुआ, जब वे अपने पिता के बिदर पोस्टिंग के दौरान जैगुअर और हॉक जेट्स को आसमान में उड़ते हुए देखती थीं. इस साल अगस्त में, उन्होंने नाल एयर फोर्स स्टेशन, बीकानेर में IAF चीफ की MiG-21 विदाई उड़ानों में भी भाग लिया और इतिहास का हिस्सा बनीं.
भव्य विदाई समारोह की रूपरेखा
1981 में IAF चीफ बने दिलबाग सिंह ने 1963 में चंडीगढ़ में पहली MiG-21 स्क्वाड्रन की कमान संभाली थी. IAF ने हाल ही में एक्स पर MiG-21 के रिटायरमेंट को लेकर लिखा, "छह दशकों की सेवा, साहस की अनगिनत कहानियां, एक युद्ध अश्व जिसने राष्ट्र के गौरव को आसमान तक पहुंचाया."
शुक्रवार को होने वाले समारोह में मुख्य अतिथि राजनाथ सिंह के आगमन से शुरुआत होगी. इसके बाद IAF की एलीट स्काइडाइविंग टीम ‘अकाश गंगा’ 8,000 फीट से शानदार जंप करेगी.
इसके बाद MiG-21 जेट्स की भव्य फ्लायपास होगी, जिसमें एयर वारियर ड्रिल टीम और एरियल सलूट की सटीकता दिखाई जाएगी. फाइटर पायलट तीन जेट्स की ‘Badal’ फॉर्मेशन और चार जेट्स की ‘Panther’ फॉर्मेशन में आसमान में गूंजेंगे. साथ ही सूर्य किरण एक्रोबेटिक टीम अपने अद्भुत मैनुअवर्स से समां बांध देगी.
इस अवसर पर MiG-21 जेट्स की ऐतिहासिक सेवा की याद में स्मरणीय डाक टिकट भी जारी किया जाएगा. इन जेट्स ने भारत के 1965 और 1971 के युद्ध, 1999 का कारगिल संघर्ष, और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


