पूर्व रॉ चीफ के खुलासे से गरमाई सियासत, फारूक ने बताया 'झूठ और कल्पना'
पीडीपी, पीसी ने अनुच्छेद 370 पर पूर्व रॉ प्रमुख के दावों को लेकर एनसी पर निशाना साधा, एनसी ने पुस्तक में खुलासे को 'लेखक की कल्पना' बताया.

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत की नई किताब ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई’ ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बड़ा तूफान खड़ा कर दिया है. किताब में किए गए खुलासों के अनुसार, 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर जहां फारूक अब्दुल्ला ने सार्वजनिक रूप से इसका विरोध किया था, वहीं निजी तौर पर उन्होंने इस कदम का समर्थन किया था.
दुलत के इस दावे के बाद कश्मीर की राजनीति में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये बातें केवल लेखक की कल्पना की उपज हैं और इनका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है. फारूक अब्दुल्ला ने भी सोशल मीडिया के जरिए बयान जारी करते हुए कहा कि दुलत केवल अपनी किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए झूठे दावे कर रहे हैं.
पुस्तक से निकला सियासी तूफान
फारूक ने दुलत द्वारा किए गए एक और दावे को गलत बताया कि 1996 में सरकार बनने पर उन्होंने मंत्रिमंडल को लेकर दुलत से सलाह ली थी. फारूक ने साफ किया कि “मुख्यमंत्री सिर्फ अपनी कैबिनेट से ही सलाह लेते हैं, किसी जासूसी एजेंसी के अधिकारी से नहीं.” उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन के दावे को भी सिरे से नकारते हुए कहा कि जब अनुच्छेद 370 हटाया गया, वे जेल में बंद थे.
BJP-PDP ने साधा नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना
हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने इस खुलासे को विश्वसनीय बताते हुए एनसी पर निशाना साधा है. पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने कहा कि उन्हें फारूक और उमर अब्दुल्ला की प्रधानमंत्री से 4 अगस्त 2019 को हुई मुलाकात पहले से ही संदेहास्पद लगती थी. उन्होंने कहा, “एनसी पीड़ित कार्ड खेलने में माहिर है, लेकिन अब सच सामने आ गया है.”
दुलत के दावों को बताया 'विश्वसनीय'
पीडीपी के वहीद-उर-रहमान पर्रा ने भी कहा कि यह किताब एनसी की असलियत उजागर करती है और फारूक अब्दुल्ला को अब जनता के सामने सफाई देनी चाहिए. पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि “दुलत ने साफ किया है कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 हटाने के अवैध कदम को स्वीकार किया था.”
370 को लेकर उठा बड़ा सवाल
भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने दुलत के समर्थन में कहा कि वह जैसे वरिष्ठ अधिकारी झूठ नहीं बोलते, और एनसी को सब कुछ पहले से पता था. इस पूरे घटनाक्रम ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में हलचल मचा दी है, जहां विपक्षी दल एनसी को बीजेपी का 'मूक सहयोगी' बता रहे हैं और जनता से जवाब मांग रहे हैं.


