थिरुवनंतपुरम में NDA की ऐतिहासिक जीत, शशि थरूर के गढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका
केरल की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। NDA ने तिरुवनंतपुरम में स्थानीय निकाय चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल की है, जो कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता है। यह वही इलाका है जहां से कांग्रेस के सीनियर नेता और सांसद शशि थरूर लगातार चुनाव जीतते रहे हैं।

नई दिल्ली: केरल की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. कांग्रेस के मजबूत गढ़ माने जाने वाले थिरुवनंतपुरम में स्थानीय निकाय चुनावों में एनडीए ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. यह वही इलाका है, जहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. इस जीत ने न सिर्फ केरल की सियासत में हलचल मचा दी है, बल्कि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और एनडीए को नई ऊर्जा भी दे दी है.
कांग्रेस के गढ़ में NDA की सेंध
थिरुवनंतपुरम नगर निगम लंबे समय से कांग्रेस का प्रभाव क्षेत्र माना जाता रहा है. यहां कांग्रेस और वाम दलों के बीच मुकाबला होता रहा, जबकि बीजेपी के लिए जगह बनाना आसान नहीं था. लेकिन इस बार स्थानीय निकाय चुनावों में नतीजे बदले-बदले नजर आए. कई अहम वार्डों में एनडीए उम्मीदवारों ने कांग्रेस को सीधे मुकाबले में मात दी, जिससे यह साफ संकेत मिला कि शहरी मतदाता अब विकल्प तलाश रहा है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह जीत केवल नगर निगम तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी दिख सकता है.
शशि थरूर का बयान आया सामने
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने चुनाव नतीजों के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे आत्ममंथन का मौका हैं. थारूर ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, "केरल के स्थानीय स्वशासन चुनावों में आज का दिन आश्चर्यजनक परिणामों से भरा रहा. जनादेश स्पष्ट है, और राज्य की लोकतांत्रिक भावना स्पष्ट रूप से झलकती है."
उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को बधाई देते हुए कहा, "विभिन्न स्थानीय निकायों में शानदार जीत के लिए यूडीएफ को हार्दिक बधाई. यह एक बड़ा समर्थन है और राज्य विधानसभा चुनावों से पहले एक सशक्त संकेत है. कड़ी मेहनत, सशक्त संदेश और सत्ता विरोधी लहर का स्पष्ट रूप से फल मिला है, जिससे 2020 की तुलना में कहीं बेहतर परिणाम प्राप्त हुआ है."
थारूर ने अपने गृह क्षेत्र में भाजपा की जीत को भी स्वीकार किया. उन्होंने कहा, "मैं तिरुवनंतपुरम में भाजपा के ऐतिहासिक प्रदर्शन को भी स्वीकार करना चाहता हूं और नगर निगम में उनकी महत्वपूर्ण जीत पर उन्हें हार्दिक बधाई देता हूं. यह मजबूत प्रदर्शन राजधानी के राजनीतिक परिदृश्य में एक उल्लेखनीय बदलाव का प्रतीक है."
बीजेपी के लिए क्यों अहम है यह जीत
बीजेपी और एनडीए के लिए थिरुवनंतपुरम में यह जीत सिर्फ एक चुनावी सफलता नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक उपलब्धि है. केरल में अब तक बीजेपी का प्रदर्शन सीमित रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में पार्टी ने धीरे-धीरे अपनी मौजूदगी मजबूत की है.
एनडीए नेताओं ने इस जीत को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा कि यह जनता के भरोसे की जीत है. उनका दावा है कि लोग अब केरल में भी विकास, पारदर्शिता और मजबूत नेतृत्व को तरजीह दे रहे हैं.
कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी
कांग्रेस के लिए यह नतीजा निश्चित रूप से चिंता का विषय है. जिस थिरुवनंतपुरम को पार्टी का सुरक्षित क्षेत्र माना जाता था, वहां एनडीए की बढ़त यह दिखाती है कि पारंपरिक वोट बैंक में भी दरार पड़ रही है. पार्टी के अंदर यह चर्चा तेज हो गई है कि अगर समय रहते रणनीति नहीं बदली गई, तो आगे मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इन नतीजों का सीधा असर 2026 के केरल विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है. एनडीए इस जीत को आधार बनाकर पूरे राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेगा, जबकि कांग्रेस और वाम दलों को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी.


