"यह न्यूजीलैंड है, भारत नहीं" कहकर प्रदर्शनकारियों ने सिखों का नगर कीर्तन रोका, सिख समुदाय में फूटा गुस्सा
न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड के मनुरेवा इलाके में सिख समुदाय द्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत की याद में जुलूस निकाला गया. हालांकि स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने इसे रोक दिया.

नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड के मनुरेवा इलाके में सिख समुदाय की शांतिपूर्ण नगर कीर्तन को कुछ स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया. यह जुलूस गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत की याद में निकाला गया था. इस घटना से सिख समुदाय में गुस्सा है और भारत में भी कई नेताओं ने कड़ी निंदा की है. पूरी दुनिया में बसे सिखों ने सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना की.
क्या है पूरा मामला ?
शनिवार को नानकसर सिख मंदिर से निकली नगर कीर्तन में सैकड़ों लोग शामिल थे. यह जुलूस पुलिस अनुमति से निकाला गया था. लौटते समय डेस्टिनी चर्च से जुड़े 'ट्रू पैट्रियट्स ऑफ न्यूजीलैंड' ग्रुप के लोगों ने रास्ता रोका. उन्होंने हाका नृत्य किया, जोर-जोर से धार्मिक नारे लगाए और बैनर पर लिखा था "यह न्यूजीलैंड है, भारत नहीं"
प्रदर्शनकारी ब्रायन तमाकी से जुड़े थे, जो डेस्टिनी चर्च के प्रमुख हैं. पुलिस ने तुरंत दोनों पक्षों को अलग रखा और कोई झड़प नहीं हुई. सिख समुदाय ने अद्भुत संयम दिखाया और जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से पूरा किया. कुछ वीडियो में देखा गया कि सिख भाई-बहन कीर्तन गाते आगे बढ़ रहे हैं.
सिख संगठनों और नेताओं की प्रतिक्रिया
अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज ने इसे सामाजिक सद्भाव पर हमला बताया. उन्होंने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से हस्तक्षेप की अपील की. गरगज ने कहा कि सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा जरूरी है. ए
सजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिख धर्म शांति, सेवा और सभी धर्मों के सम्मान पर टिका है. ऐसे विरोध गुरुओं के सार्वभौमिक संदेश पर हमला हैं. उन्होंने न्यूजीलैंड में सिखों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की मांग की.
सीएम मान ने सरकार से की अपील
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से न्यूजीलैंड के राजदूत को तलब करने को कहा. उन्होंने सिख समुदाय के शांतिपूर्ण योगदान की तारीफ की और कहा कि ऐसे मामले अस्वीकार्य हैं. शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल और भाजपा नेता आरपी सिंह ने भी विदेश मंत्रालय से कार्रवाई की अपील की. न्यूजीलैंड के 25 गुरुद्वारों की कमेटियां स्थानीय पुलिस से बात कर रही हैं ताकि आगे ऐसी घटना न हो.


