NIA को बड़ी कामयाबी, खालिस्तानी आतंकी कश्मीर सिंह गलवड्डी को किया गिरफ्तार, 2016 में नाभा जेल से भागा
एनआईए ने मोतिहारी, बिहार से खालिस्तानी आतंकी कश्मीर सिंह गलवड्डी को गिरफ्तार किया, जो 2016 में नाभा जेल से फरार हुआ था और रिंदा के आतंकी नेटवर्क से जुड़ा था. वह BKI, KLF और ISYF जैसे प्रतिबंधित संगठनों के लिए काम कर रहा था और भारत में हथियारों की तस्करी और आतंकी हमलों की साजिश में शामिल था. उसे 2022 में भगोड़ा घोषित किया गया था. उसकी गिरफ्तारी से एनआईए ने खालिस्तानी नेटवर्क पर बड़ी चोट की है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी सामने आया है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक अहम कार्रवाई करते हुए कुख्यात खालिस्तानी आतंकवादी कश्मीर सिंह गलवड्डी को बिहार के मोतिहारी से गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी 2016 में पंजाब की नाभा जेल से फरार हुए अपराधियों के नेटवर्क पर एक बड़ा प्रहार मानी जा रही है. कश्मीर सिंह, विदेश में सक्रिय बब्बर खालसा के आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा का करीबी सहयोगी था.
बिहार से गिरफ्तारी, पंजाब और नेपाल तक फैला नेटवर्क
एनआईए की यह कार्रवाई बिहार पुलिस के सहयोग से की गई. लुधियाना निवासी कश्मीर सिंह लंबे समय से फरार था और मोतिहारी में छिपा हुआ था. एजेंसी ने बताया कि वह नाभा जेल से भागने के बाद से ही आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल था और नेपाल तथा कश्मीर क्षेत्र में आतंकियों के नेटवर्क को मजबूत कर रहा था.
खालिस्तानी संगठनों के लिए काम करता था सिंह
एनआईए के अनुसार, कश्मीर सिंह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के साथ-साथ अन्य प्रतिबंधित संगठनों जैसे खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) के लिए काम कर रहा था. उसका नाम उन आतंकवादियों की सूची में शामिल था जो सीमा पार से हथियारों, गोला-बारूद, विस्फोटक सामग्री और IED जैसी चीजों की तस्करी कर भारत में आतंकी हमले करने की साजिश रच रहे थे.
RPG हमले में भी हो सकता है लिंक
एनआईए ने खुलासा किया कि पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हुए RPG हमले में भी कश्मीर सिंह जैसे आतंकियों की भूमिका रही हो सकती है. हमले के बाद ये आतंकी नेपाल भाग गए थे और वहीं से गतिविधियां संचालित कर रहे थे.
पहले से घोषित भगोड़ा, इनाम भी था घोषित
कश्मीर सिंह को एनआईए की दिल्ली स्थित विशेष अदालत ने 2022 में भगोड़ा अपराधी घोषित किया था. उस पर गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी थे. एजेंसी ने उसकी सूचना देने वाले को ₹10 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था.
सहयोगियों पर पहले ही हो चुकी है कार्रवाई
जुलाई 2023 में एनआईए ने इस आतंकी साजिश मामले में हरविंदर सिंह रिंदा और लखबीर सिंह लांडा समेत नौ लोगों पर चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद छह और आरोपियों के खिलाफ पूरक चार्जशीट प्रस्तुत की गई.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कार्रवाई
एनआईए ने अगस्त 2024 में लांडा के भाई तरसेम सिंह का UAE से सफल प्रत्यर्पण भी करवाया था, जो इस नेटवर्क की अंतरराष्ट्रीय जड़ें उजागर करता है. उसके खिलाफ दिसंबर में एक और पूरक आरोपपत्र दाखिल किया गया.


