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'कराची पर हमला करने को तैयार थी भारतीय नौसेना', ऑपरेशन सिंदूर पर वाइस एडमिरल का खुलासा

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया. इस दौरान सेना और वायुसेना ने आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जबकि नौसेना हाई अलर्ट पर रही. नौसेना की रणनीतिक तैनाती से पाकिस्तानी नौसेना की गतिविधियां सीमित रहीं. भारत की प्रतिक्रिया संतुलित, जिम्मेदार और सटीक रही. इसके साथ ही सरकार ने कूटनीतिक कदमों के जरिए पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की दिशा में भी कड़ा संदेश दिया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने रविवार को बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई के समय भारतीय नौसेना पूरी तरह तैयार थी. उन्होंने कहा कि नौसेना न केवल समुद्री मोर्चे पर बल्कि ज़मीनी लक्ष्यों पर भी हमले करने के लिए पूरी तरह सक्षम स्थिति में थी. उनका यह बयान तीनों सेनाओं की संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान आया.

पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर 

यह ऑपरेशन 7 मई को उस समय शुरू किया गया जब भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देने का फैसला लिया. उस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई की.

नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका

हालांकि सेना और वायुसेना ने प्रत्यक्ष रूप से आक्रामक कार्रवाई की, भारतीय नौसेना पूरे समय अरब सागर में हाई अलर्ट पर रही. वाइस एडमिरल प्रमोद ने बताया कि नौसेना की अग्रिम तैनाती ने पाकिस्तान की नौसेना को अपनी गतिविधियों को सीमित करने पर मजबूर कर दिया. पाकिस्तानी नौसैनिक जहाज या तो बंदरगाहों के भीतर रहे या तट के बेहद नज़दीक, जिससे उनकी गतिविधियों पर भारतीय बलों की पैनी नजर बनी रही.

समुद्री निगरानी और सटीकता

भारतीय नौसेना ने पूरे अभियान के दौरान समुद्री क्षेत्र में सतर्कता बनाए रखी. नौसेना ने पाकिस्तानी जहाजों की स्थिति और गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखते हुए समुद्री क्षेत्र में अपार जागरूकता दिखाई. एक बयान में यह भी कहा गया कि नौसेना ने युद्ध अभ्यास और हथियारों की फायरिंग के ज़रिए अपनी रणनीति और प्रक्रियाओं को परखा, ताकि लक्ष्यों को सटीकता से भेदा जा सके.

संयमित लेकिन प्रभावी कार्रवाई

एएन प्रमोद ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की प्रतिक्रिया जिम्मेदार, संतुलित और गैर-आक्रामक रही. भारत ने पूरी गंभीरता से कार्रवाई करते हुए सुनिश्चित किया कि कोई भी कदम जरूरत से ज्यादा उग्र न हो, फिर भी आतंकवादियों को स्पष्ट संदेश जरूर जाए.

सैन्य के साथ-साथ कूटनीतिक

भारत ने केवल सैन्य जवाब तक खुद को सीमित नहीं रखा. सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने, भारत के हवाई क्षेत्र को बंद करने, द्विपक्षीय व्यापार रोकने और वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने जैसे ठोस कूटनीतिक कदम भी उठाए. यह बहुआयामी प्रतिक्रिया इस बात का संकेत थी कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा.

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11 May 2025, 10:17 PM IST

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