'जब तक पहलगाम हमले का बदला नहीं लिया जाएगा, तब तक मैं गुलदस्ते नहीं लूंगा' - जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का संकल्प
केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने पहलगाम हमले से आहत होकर बड़ा फैसला लिया है — जब तक हमले का बदला नहीं लिया जाएगा, वो किसी भी कार्यक्रम में स्वागत नहीं करवाएंगे, न ही गुलदस्ता लेंगे, न कोई सम्मान. उनके इस फैसले ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अब सरकार सच में एक्शन में है.

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को गहरे शोक में डाल दिया है.
22 अप्रैल को हुए इस बर्बर हमले में निर्दोष पर्यटकों की जान जाने के बाद देशभर में गुस्से की लहर है. ऐसे में अब सिर्फ आम लोग ही नहीं, देश के नेता भी आतंक के खिलाफ कड़ा रुख दिखा रहे हैं. इसी बीच केंद्रीय मंत्री और जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का बयान चर्चा का विषय बना हुआ है.
कार्यक्रम में गुलदस्ता ठुकराया, लिया बड़ा प्रण
गुजरात के सूरत में चल रही 7वीं ग्लोबल इंवेस्टर कॉन्फ्रेंस में जैसे ही मंच से सीआर पाटिल का स्वागत करने के लिए गुलदस्ता और स्मृति चिन्ह दिया गया, उन्होंने उसे लेने से साफ इनकार कर दिया. इसके पीछे जो वजह उन्होंने बताई, वो सुनकर पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा.
उन्होंने कहा – 'जब तक पहलगाम हमले का बदला नहीं लिया जाता, तब तक मैं किसी भी मंच पर स्वागत में कोई गुलदस्ता या सम्मान नहीं लूंगा.' यह केवल एक बयान नहीं, एक मजबूत संदेश था – आतंक के खिलाफ सरकार की सोच और दृढ़ता का.
पहले भी दिखाई थी सख्त प्रतिक्रिया
सीआर पाटिल ने इससे पहले पहलगाम हमले पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि पाकिस्तान को एक भी बूंद सिंधु नदी का पानी नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने भारत सरकार द्वारा सिंधु जल समझौता रद्द करने के फैसले का स्वागत करते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा था, 'यह फैसला पूरी तरह से राष्ट्रीय हित में है.'
भारत की नीति अब सख्त – बदले बिना चैन नहीं
पाटिल का यह फैसला और बयान सिर्फ एक भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि अब केंद्र सरकार भी पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को लेकर नरम रुख नहीं अपनाने वाली. देश के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा ऐसा सार्वजनिक संकल्प लेना एक बड़ा प्रतीकात्मक कदम है.
ग्लोबल इंवेस्टर कॉन्फ्रेंस में दिखा देशभक्ति का भाव
सूरत में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य था देश में निवेश, नवाचार और विकास को बढ़ावा देना, लेकिन सीआर पाटिल की मौजूदगी ने कार्यक्रम को देशभक्ति के रंग में भी रंग दिया. जब आयोजकों ने मंच से उनका प्रण सार्वजनिक किया, तो दर्शकों ने खड़े होकर तालियों से उनका सम्मान किया.
सीआर पाटिल का यह कदम न सिर्फ एक भावनात्मक प्रतिक्रिया है, बल्कि देश को यह भरोसा भी देता है कि सरकार अब हर आतंकी हमले का जवाब सख्ती से देगी. जब एक मंत्री खुद अपने सम्मान को रोकने का फैसला करता है, तो इससे जनता को एक बड़ा संदेश जाता है – 'अब चुप नहीं बैठेंगे, अब हर वार का जवाब होगा.'


