अब दंडनीय अपराध होगी ऑनलाइन सट्टेबाजी, मोदी कैबिनेट ने गेमिंग बिल को दी मंजूरी; संसद में होगा पेश
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग विनियमन अधिनियम को मंज़ूरी दी है, जिसका उद्देश्य नकद-आधारित लेनदेन, सट्टेबाजी और अवैध गेमिंग प्लेटफॉर्म पर रोक लगाना है. MeitY को नियामक नियुक्त कर सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. यह विधेयक युवाओं में लत, धोखाधड़ी और वित्तीय जोखिमों को नियंत्रित करने में सहायक होगा.

डिजिटल दुनिया में तेजी से पांव पसार रहे ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को लेकर केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऑनलाइन गेमिंग विनियमन एवं संवर्धन अधिनियम को मंज़ूरी दे दी है. इसका मकसद न केवल इस क्षेत्र को नियमों में बांधना है, बल्कि ऑनलाइन सट्टेबाजी और नकद लेन-देन पर नियंत्रण स्थापित करना भी है.
नकद आधारित लेन-देन पर रोक
सूत्रों के अनुसार, नए कानून के लागू होते ही नकद-आधारित सभी ऑनलाइन गेमिंग लेनदेन पर रोक लगने की पूरी संभावना है. इसका मतलब है कि जो गेमिंग प्लेटफॉर्म्स यूज़र्स से पैसे लेकर गेमिंग या सट्टेबाजी कराते हैं, उन्हें अब वित्तीय संस्थानों या बैंकों से कोई सहयोग नहीं मिल पाएगा.
विधेयक में क्या-क्या है शामिल?
- वास्तविक धन (real money) वाले गेम्स को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगेगा.
- ई-स्पोर्ट्स और कौशल-आधारित गेमिंग को आगे बढ़ाने का समर्थन मिलेगा.
- अपंजीकृत या अवैध गेमिंग प्लेटफार्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
- सरकार MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) को नोडल नियामक के रूप में नियुक्त करेगी.
- MeitY को ऐसी किसी भी वेबसाइट या ऐप को ब्लॉक करने का अधिकार होगा जो नियमों का उल्लंघन करती है.
क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
बीते कुछ वर्षों में ऑनलाइन गेमिंग की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही आर्थिक धोखाधड़ी, लत और कर चोरी के मामले भी सामने आने लगे हैं. अक्टूबर 2023 में जब सरकार ने इस क्षेत्र पर 28% जीएसटी लागू किया, तबसे यह उद्योग जांच के घेरे में आ गया.
वित्त वर्ष 2025 से गेमिंग में जीत की रकम पर 30% कर लागू किया गया है. अपतटीय यानी विदेशी गेमिंग कंपनियों को भी भारत के टैक्स दायरे में लाया गया है.
अवैध सट्टेबाजी पर कठोर दंड
दिसंबर 2023 में भारतीय न्याय संहिता में संशोधन कर अनधिकृत सट्टेबाजी को एक दंडनीय अपराध बनाया गया. इसके तहत दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान है. अब तक केंद्र सरकार 1,400 से अधिक अवैध वेबसाइटों और ऐप्स को ब्लॉक कर चुकी है, जो ऑनलाइन सट्टेबाजी या जुए में लिप्त थीं.
बच्चों और युवाओं की लत पर चिंता
शिक्षा मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग से नाबालिगों में बढ़ती लत को लेकर अभिभावकों और शिक्षकों को सलाह जारी की है. वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारकों को निर्देश दिया है कि वे गेमिंग के वित्तीय जोखिमों से संबंधित अस्वीकरण अनिवार्य रूप से प्रसारित करें.
क्या होगा असर?
इस विधेयक से केंद्र सरकार को उम्मीद है कि पूरे देश में एक समान नियम व्यवस्था से धोखाधड़ी, कानूनी उलझन और नशे की लत जैसी समस्याओं पर अंकुश लगेगा. साथ ही, वास्तविक धन वाले गेम्स पर नियंत्रण से अवैध गतिविधियों और आर्थिक नुकसान को रोका जा सकेगा.


