Trump मीटिंग और OpenAI डील के बाद Oracle का बड़ा कदम,10 % भारतीय कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
Oracle ने भारत में अपने 10% कर्मचारियों की छंटनी कर दी, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए. यह फैसला OpenAI के साथ डील और ट्रंप से मीटिंग के बाद आया. छंटनी सॉफ्टवेयर, क्लाउड और कस्टमर सपोर्ट विभाग में हुई. विशेषज्ञ मानते हैं कि Oracle अब अमेरिका में निवेश और AI इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रहा है, जिससे भारत में नौकरी की स्थिरता पर असर पड़ा है.

Oracle India layoffs 2025 : दुनिया की जानी-मानी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शुमार Oracle ने भारत में अपने करीब 10% कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कंपनी ने हाल ही में OpenAI के साथ एक बड़ी डील की है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से शीर्ष स्तर की मुलाकात भी की है. इन घटनाओं के बीच इतनी बड़ी संख्या में भारतीय कर्मचारियों की छंटनी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
भारत में Oracle की छंटनी का असर
ट्रंप से मुलाकात के बाद हुई छंटनी
दरअसल, Oracle के CEO लैरी विल्सन ने छंटनी से कुछ ही दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी. इस मुलाकात में डोमेस्टिक हायरिंग, डेटा सिक्योरिटी और टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई. इसके तुरंत बाद ही Oracle ने OpenAI के साथ एक बहु-अरब डॉलर की डील की घोषणा की, जिसके तहत AI डेटा Oracle के इंफ्रास्ट्रक्चर पर प्रोसेस होगा. इस डील और ट्रंप की नीति के तहत अमेरिकी नौकरियों को बढ़ावा देने और विदेशी कामगारों पर निर्भरता घटाने की नीति को देखते हुए, विशेषज्ञ मानते हैं कि Oracle अब अपने संसाधनों को अमेरिका में केंद्रित कर रहा है.
सिर्फ भारत नहीं, अन्य देशों में भी छंटनी
हालांकि, भारत सबसे अधिक प्रभावित जरूर हुआ है, लेकिन Oracle की छंटनी अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको तक फैली हुई है. सीएटल में 150 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाला गया है, और मेक्सिको में छंटनी की संख्या भारत के बराबर होने की आशंका जताई जा रही है. कई देशों में कर्मचारियों को "मैनेजर मीटिंग" के नाम पर बुलाया गया है, जिससे यह अंदेशा और गहराता है कि यह एक ग्लोबल लेवल की री-स्ट्रक्चरिंग है.
AI रेस और लागत संतुलन की कोशिश
Oracle का यह कदम टेक इंडस्ट्री में चल रही AI की रेस और डेटा सेंटर निवेश की रणनीति से भी जुड़ा हुआ है. OpenAI के साथ किया गया "Stargate" प्रोजेक्ट, जिसमें SoftBank और Oracle करीब $500 बिलियन तक का निवेश करने जा रहे हैं, इसके लिए 4.5 गीगावॉट डेटा सेंटर पावर की जरूरत पड़ेगी.इसी वजह से, जहां एक ओर Oracle अपने हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी निवेश कर रहा है, वहीं कर्मचारी लागत को घटाकर संतुलन बनाने की कोशिश भी कर रहा है. Microsoft, Meta और Amazon जैसी अन्य कंपनियां भी इसी साल हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी हैं.
भारत को झटका, लेकिन US में भर्तियां जारी
Oracle ने भारत में सिर्फ महानगरों में ही नहीं, बल्कि जयपुर, भोपाल, तिरुवनंतपुरम जैसे टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी अपने ऑपरेशंस फैला रखे थे. इस छंटनी से भारत में कर्मचारियों का मनोबल और कंपनी के प्रति विश्वास दोनों को झटका लगा है. हालांकि, अमेरिका में Oracle चुनिंदा पदों पर अभी भी भर्तियां कर रहा है, जिससे यह साफ होता है कि यह छंटनी फोकस के बदलाव का संकेत है, न कि पूरी तरह भर्ती पर रोक का.
टेक सेक्टर के भविष्य पर चिंता
Oracle की छंटनी, OpenAI डील और ट्रंप मीटिंग के बाद आई घटनाओं की कड़ी में देखी जा रही है. कंपनी की रणनीति अब स्पष्ट रूप से AI, डेटा सेंटर और अमेरिकी बाजार पर केंद्रित होती दिख रही है. भारत जैसे देशों में जहां तकनीकी प्रतिभा की भरमार है, वहां इस तरह की छंटनी से टेक सेक्टर के भविष्य पर चिंता गहराना स्वाभाविक है.


