हिमाचल प्रदेश में यात्रियों से भरी बस पर गिरा पत्थर, 18 लोगों की मौत, पीएम मोदी ने व्यक्त की संवेदना
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में पहाड़ी से मलबा गिरने से यात्रियों से भरी बस दब गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हुई है. राहत और बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है, जबकि कई लोग अभी भी फंसे हैं.

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के झंडूता क्षेत्र में मंगलवार, 7 अक्टूबर को एक यात्री बस भूस्खलन की चपेट में आ गई, जिसमें कई लोग हताहत हुए. घटना के समय बस में लगभग 30 लोग सवार थे, जब पहाड़ से खिसककर भारी मलबा और चट्टानें बस पर गिरीं. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटना में अब तक 18 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं. राहत एवं बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया और मलबे में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और स्थानीय बचाव दल मौके पर पहुंचे. घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई गई है.
पीएम मोदी ने व्यक्त की संवेदना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद हादसे पर संवेदना व्यक्त की और मृतकों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से प्रत्येक को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रभावित परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हादसे की गंभीरता पर दुख व्यक्त किया और बचाव दलों की सक्रियता की सराहना की.
भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में आम हैं और विशेषकर भारी बारिश या अस्थिर मौसम में यातायात और जीवन को गंभीर खतरे में डालती हैं. जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने राहत एवं बचाव कार्य में समन्वय स्थापित किया है, मलबा हटाने के साथ-साथ मार्ग पर अन्य वाहनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने का कार्य जारी है. भूस्खलन की वास्तविक परिस्थितियों की जांच भी जल्द शुरू होने की संभावना है.
इसी बीच, कांगड़ा जिले के पालमपुर में भी एक निजी बस सड़क से उतर गई, जिसमें छह यात्री घायल हुए. उन्हें तुरंत पालमपुर के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया और दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है. दोनों घटनाओं ने हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षित परिवहन और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्कता की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है. प्रशासन और बचाव दल घटनास्थल पर लगातार काम कर रहे हैं और आगे की जानकारी के अनुसार अपडेट जारी करेंगे.


