'जाफर एक्सप्रेस हाइजैक में भारत का हाथ', बयान देकर फंस गया पाकिस्तान, विदेश मंत्रालय ने किया जोरदार पलटवार
पाकिस्तान ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाइजैक में भारत पर आरोप लगाए हैं. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद हमलों में भारत शामिल रहा है. हालांकि, पाकिस्तान के इस आरोप का भारत ने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आरोप मनगढ़ंत हैं और हम दृढ़ता से खारिज करते हैं. उसे दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय खुद के अंदर झांकना चाहिए.

जाफ़र एक्सप्रेस ट्रेन हमले की घटना के कुछ दिनों बाद भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि जाफ़र एक्सप्रेस हमले में भारत का हाथ है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आरोप मनगढ़ंत हैं और हम दृढ़ता से खारिज करते हैं. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद का वैश्विक केंद्र कहां है. पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं और कमियों के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय खुद के अंदर झांकना चाहिए.
पाकिस्तान ने लगाए भारत पर आरोप
इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने दावा किया था कि जाफर एक्सप्रेस पर हमले में शामिल विद्रोही अफगानिस्तान में अपने सरगनाओं के संपर्क में थे. शफकत अली खान ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि भारत पाकिस्तान में आतंकवाद में शामिल रहा है. जाफर एक्सप्रेस पर विशेष हमले में आतंकवादी अफगानिस्तान में अपने आकाओं और सरगनाओं के संपर्क में थे.
बॉर्डर पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते तल्ख
पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान के बीच संबंध सीमा पर लगातार होने वाली झड़पों के कारण तनावपूर्ण हो गए हैं और इस्लामाबाद का दावा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पाकिस्तान में हमले करने के लिए अफ़गान धरती का इस्तेमाल कर रहा है. काबुल ने इन आरोपों से इनकार किया है. यह बयान पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा यह दावा किए जाने के बाद आया है कि उन्होंने जाफर एक्सप्रेस का अपहरण करने वाले सभी 33 बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) विद्रोहियों को मार गिराया है, जिसमें 400 से अधिक यात्री सवार थे.
क्या पाकिस्तान छुपा रहा सच्चाई?
पाकिस्तानी की सेना की ओर सफल ऑपरेशन की अभी कोई वीडियो या इमेज सामने नहीं आई है. दूसरी ओर विद्रोही बीएलए का दावा है कि आईएसपीआर हार को छुपा रहा था. बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने जोर देकर कहा कि लड़ाई अभी भी कई मोर्चों पर जारी है. बलूच ने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना न तो युद्ध के मैदान में जीत हासिल कर पाई है और न ही अपने बंधक कर्मियों को बचाने में कामयाब रही है. उन्होंने राज्य पर अपने सैनिकों को छोड़ देने और उन्हें बंधक के रूप में मरने के लिए छोड़ देने का आरोप लगाया.
यात्रियों ने बताई सच्चाई
क्वेटा पहुंचे रिहा हुए यात्रियों ने बताया कि बीएलए लड़ाकों ने ट्रेन पर कब्जा करने के तुरंत बाद महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को स्वेच्छा से रिहा कर दिया. बीएलए ने पाकिस्तानी अधिकारियों को स्वतंत्र पत्रकारों और निष्पक्ष पर्यवेक्षकों को संघर्ष क्षेत्र में जाने की अनुमति देने की चुनौती भी दी है. समूह का कहना है कि सेना द्वारा इस तरह की पहुंच की अनुमति देने में अनिच्छा उसकी पराजय को दर्शाती है.


