राजस्थान में गिरी पाकिस्तान की 'मेड इन चाइना' मिसाइल, हथियार नहीं मजाक बन गई HQ-9BE
Operation Sindoor: राजस्थान में हाल ही में एक चीनी HQ-9BE मिसाइल गिरने की घटना ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मसार कर दिया है. तकनीकी खराबी के कारण फेल हुई यह मिसाइल अब DRDO के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी खजाना बन गई है, जिसका विश्लेषण भारत की रक्षा रणनीति को नई दिशा दे सकता है.

Operation Sindoor: हाल ही में भारत-पाक संघर्ष के दौरान एक चीनी HQ-9BE मिसाइल तकनीकी विफलता के कारण राजस्थान के एक क्षेत्र में लगभग पूरी तरह से सुरक्षित अवस्था में गिर गई. इस घटना ने पाकिस्तान की रक्षा तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. चीन से आयातित यह मिसाइल प्रणाली पाकिस्तान की वायु रक्षा का मुख्य आधार मानी जा रही थी, लेकिन उसकी नाकामी ने न केवल पाकिस्तान को शर्मसार किया, बल्कि भारत को रणनीतिक बढ़त भी दिलाई है.
अब इस मिसाइल को भारत की रक्षा अनुसंधान संस्था DRDO (Defence Research and Development Organisation) के एक विशेष केंद्र में ले जाया जा रहा है, जहां इसका गहन तकनीकी विश्लेषण किया जाएगा. विशेषज्ञ इसे भारत के लिए एक "टेक्नोलॉजिकल जैकपॉट" मान रहे हैं, जिससे न केवल चीन की तकनीकी कमजोरियों का खुलासा होगा, बल्कि भारत की अपनी मिसाइल प्रणाली और सुरक्षा रणनीतियों को और भी मजबूत करने में मदद मिलेगी.
One of the failed Chinese HQ-9BE missile crashed in Rajasthan, pretty much intact.
— WLVN (@TheLegateIN) May 7, 2025
Will be transported to a DRDO facility for strip-down and technical analysis. https://t.co/e79cJUkId2 pic.twitter.com/PJJ4u8GqPz
ऑपरेशन सिंदूर से उजागर हुई पाकिस्तान की कमजोरियां
पाकिस्तान ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए चीन निर्मित HQ-9BE मिसाइल प्रणाली पर भरोसा जताया था. लेकिन भारत के हालिया ऑपरेशन सिंदूर ने इस भरोसे को चकनाचूर कर दिया. भारतीय सेना ने अपनी उन्नत रणनीति और अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियों के दम पर पाकिस्तान की वायु रक्षा को बुरी तरह ध्वस्त कर दिया.
इस कार्रवाई के दौरान HQ-9BE मिसाइल प्रणाली न केवल फेल हुई, बल्कि एक मिसाइल तकनीकी खराबी के कारण भारत के राजस्थान क्षेत्र में गिर पड़ी.
भारत के लिए बना सुनहरा अवसर
इस घटना को भारत के लिए एक अहम रणनीतिक अवसर माना जा रहा है. मिसाइल की संरचना, डिजाइन, सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर का विश्लेषण भारत को चीनी सैन्य तकनीक की अंदरूनी जानकारी प्रदान करेगा. इससे भविष्य में भारत अपनी वायु रक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त बना सकेगा. DRDO के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह मिसाइल हमारे लिए एक तकनीकी खजाना है, जिसका विश्लेषण हमारी रक्षा रणनीति को नई दिशा दे सकता है."
मिसाइल दुर्घटना और सुरक्षा प्रबंधन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह चीनी HQ-9BE मिसाइल राजस्थान के एक इलाके में गिर गई थी. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह मिसाइल तकनीकी खामी के चलते अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकी और बिना विस्फोट के ज़मीन पर गिर गई. स्थानीय प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए इलाके को सुरक्षित किया और मिसाइल को कब्जे में लिया. इसके बाद इसे DRDO की एक विशेष सुविधा में स्थानांतरित किया गया.
तकनीकी विश्लेषण से खुलेगा कई राज
DRDO के वैज्ञानिक इस मिसाइल के हर हिस्से का सूक्ष्म विश्लेषण करेंगे – इसके नियंत्रण तंत्र, गाइडेंस सिस्टम, सर्किटरी, प्रोग्रामिंग और मटेरियल का परीक्षण किया जाएगा. इससे भारत को न केवल इसकी कमजोरियों का पता चलेगा, बल्कि भविष्य के लिए उपयोगी तकनीकी सूचनाएं भी प्राप्त होंगी. इस घटना ने पाकिस्तान की रणनीतिक तैयारियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है. जिस चीनी तकनीक पर वह अपनी सुरक्षा की नींव रखे बैठा था, वह न केवल मैदान में विफल हुई, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उसकी किरकिरी करा गई.


