भारत-कनाडा संबंधों में नई शुरुआत की ओर बढ़े कदम, पीएम मोदी ने कनाडाई विदेश मंत्री से की मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मज़बूत करने और आर्थिक, सुरक्षा व रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया. दोनों देशों ने व्यापार, तकनीक और सुरक्षा मामलों में साझेदारी को आगे बढ़ाने और मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता पुनः शुरू करने पर सहमति जताई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली में कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से मुलाकात की और इस अवसर को भारत-कनाडा संबंधों को पुनः सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कड़ी बताया. उन्होंने कहा कि अनीता की यह यात्रा व्यापार, ऊर्जा, तकनीक, कृषि और लोगों के बीच संपर्क जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग को नई दिशा दे सकती है. मोदी ने जून में कनाडा के जी-7 शिखर सम्मेलन की अपनी यात्रा को भी याद किया, जहां उन्होंने कनाडाई प्रतिनिधियों के साथ उपयोगी संवाद किया था.
दो देशों के रिश्तों को पटरी पर लाने की कोशिश
यह मुलाकात उस दौर में हुई है जब भारत और कनाडा के रिश्ते बीते दो वर्षों से राजनयिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं. कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर लगाए गए आरोपों को भारत ने खारिज किया था. अब दोनों देशों ने संबंध सुधारने के लिए एक रोडमैप पर सहमति जताई है, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार वार्ता को फिर से शुरू करने और कनाडा-भारत सीईओ फोरम को फिर से सक्रिय करने जैसे उपाय शामिल हैं.
सुरक्षा और अपराध पर गहन चर्चा
इस मुलाकात में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर भी गंभीर चर्चा हुई. अनीता आनंद ने दो देशों के बीच जारी सुरक्षा संवाद को जरूरी बताया, वहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने खालिस्तानी गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क, जैसे लॉरेंस बिश्नोई गिरोह, से जुड़ी चिंताओं पर काम करने की बात दोहराई. दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच संवाद को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी है.
आर्थिक सहयोग को नया बढ़ावा
संयुक्त बयान में कहा गया कि मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के बीच एक मजबूत भारत-कनाडा साझेदारी बेहद जरूरी है. 2024 में दोनों देशों के बीच व्यापार 23.66 अरब डॉलर तक पहुंच गया और अब एक मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत फिर से शुरू करने की उम्मीद है. दोनों देशों ने इस साझेदारी को भरोसे, स्थिरता और आर्थिक प्रगति की दिशा में ले जाने का संकल्प लिया है.


