पीएम मोदी का जोरदार जवाब, जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान का एजेंडा नहीं चलेगा!
जम्मू-कश्मीर के कटरा में पीएम मोदी ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान पर कड़ा जवाब दिया, यह कहते हुए कि भारत जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान का एजेंडा लागू नहीं होने देगा. मोदी ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका एजेंडा पाकिस्तान से मेल खाता है. क्या यह बयान चुनावी माहौल को बदल देगा? जानें आगे क्या होगा इस गर्माते राजनीतिक खेल में.
PM Modi Statement: जम्मू-कश्मीर के कटरा में एक चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया विवादित बयान पर कड़ा जवाब दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान का कोई एजेंडा लागू नहीं होने देगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने सभा में कहा, 'पाकिस्तान में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन की तारीफ हो रही है. ख्वाजा आसिफ ने जो कहा, उससे साफ है कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का एजेंडा वही है जो पाकिस्तान का है.' यह बयान उन चुनावी परिस्थितियों के बीच आया है, जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने के प्रयास में हैं.
अनुच्छेद 370 पर मोदी की टिप्पणी
मोदी ने स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 370 और 35A की वापसी नहीं होगी. उन्होंने कहा, 'कोई भी ताकत इन धाराओं को वापस नहीं ला सकती. दशकों तक कांग्रेस और एनसी ने वही किया जो आतंकवाद के आकाओं को पसंद आया.' उनका यह बयान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और स्थिरता के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देता है.
"We will not let Pakistan's agenda be imposed in Jammu and Kashmir...no power in the world can bring back Article 370 in J&K," says Indian Prime Minister Narendra Modi, at a public rally in Katra
— WION (@WIONews) September 19, 2024
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Video: news agency ANI pic.twitter.com/qNlPaqjJek
पाकिस्तान का समर्थन
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35A को बहाल करने की मांग की थी. उनके इस बयान से स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान अपने सहयोगियों को मजबूत करने के लिए जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को भुनाने का प्रयास कर रहा है. पीएम मोदी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस का एजेंडा पाकिस्तान के साथ मेल खाता है, जिससे उनकी स्थिति को और कमजोर करने का प्रयास किया गया.
चुनावी माहौल में गरमी
इस चुनावी माहौल में, जहां सभी दल अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं,वहीं दूसरी तरफ मोदी का यह बयान राजनीतिक समीकरण को बदल सकता है. उन्होंने कहा, 'जब से अनुच्छेद 370 की दीवार टूटी है, तब से जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाव कमजोर पड़ रहे हैं. जम्मू-कश्मीर स्थायी शांति की ओर बढ़ चला है.'
प्रधानमंत्री मोदी का यह स्पष्ट संदेश केवल राजनीतिक बयानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर की स्थिरता और सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है. उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे और पाकिस्तान के प्रति उनकी स्पष्टता इस बात का संकेत है कि भारतीय राजनीति में कश्मीर का मुद्दा फिर से गरमाया है और आने वाले समय में यह चुनावी रणनीतियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.