Zubeen Garg Death Case: जुबिन गर्ग मामले में पांचवीं गिरफ्तारी, पुलिस ने सिंगर के चचेरे भाई को किया अरेस्ट
Zubeen Garg Death Case: जुबिन गर्ग की सिंगापुर में हुई संदिग्ध मौत के मामले में उनके चचेरे भाई और असम पुलिस के DSP संदीपन गर्ग को गिरफ्तार किया गया है. घटना के समय वह जुबिन के साथ मौजूद थे और अब उन्हें न्यायिक प्रक्रिया के लिए हिरासत में लिया गया है.

Zubeen Garg Death Case: जुबिन गर्ग की सिंगापुर में हुई संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने बड़ा कदम उठाते हुए उनके चचेरे भाई और असम पुलिस के डिप्टी SP संदीपन गर्ग को गिरफ्तार किया है. संदीपन गर्ग घटना के समय गायक के साथ मौजूद थे और उन्हें अब कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए हिरासत में लिया गया है.
पुलिस के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में संदीपन से कई बार पूछताछ की गई थी और अब उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया पूरी की जा रही है. सीआईडी के विशेष DGP मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने पीटीआई को बताया, "हमने संदीपन गर्ग को गिरफ्तार कर लिया है. अब हम आवश्यक कानूनी औपचारिकताएँ पूरी कर रहे हैं."
मामले में पांचवीं गिरफ्तारी
जुबिन गर्ग के संदिग्ध मौत के मामले में यह गिरफ्तारी पांचवीं है. इससे पहले, उत्तर-पूर्व इंडिया फेस्टिवल के प्रमुख आयोजक श्यामकनु महंता, गायक के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और उनके दो बैंड मेंबर शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृत प्रभा महंता को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन चारों को पहले ही पुलिस हिरासत में भेजा जा चुका है.
जुबिन के बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी ने पुलिस को बयान दिया कि गायक को उनके मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और फेस्टिवल आयोजक श्यामकनु महंता ने सिंगापुर में जहर देकर मारा था. गोस्वामी ने बताया कि "एक साजिश रची गई थी ताकि जुबिन की मौत को आकस्मिक घटना के रूप में पेश किया जा सके."
आरोप और साजिश की बातें
डिटेल्ड ग्राउंड्स ऑफ अरेस्ट में गोस्वामी ने यह भी बताया कि सिद्धार्थ शर्मा ने उन्हें यॉट के वीडियो किसी से साझा न करने के लिए कहा था. नोट के अनुसार, गोस्वामी ने आरोप लगाया कि श्री शर्मा और श्री श्यामकनु महंता ने पीड़ित को जहर दिया और जानबूझकर विदेशी स्थल चुना ताकि उनकी साजिश छुपाई जा सके. इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है.
जुबिन गर्ग की मौत पर विवाद
52 वर्षीय जुबिन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय मृत्यु हो गई थी. उनके अंतिम संस्कार में उन्हें असम के क्मारकुची में राज्य सम्मान के साथ विदाई दी गई. दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी मौत में किसी प्रकार की शंका को दूर करने का प्रयास किया.
इस संदिग्ध मौत की जांच जनता के दबाव, आरोपों और जांच की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए शुरू की गई थी. असम सरकार ने भी इस मामले की जांच के लिए नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है.


