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कुलियों ने की मदद की अपील, संजय सिंह ने दिया समर्थन, कहा- संसद में उठाएंगे मुद्दा

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले कुलियों की समस्याओं को संसद में उठाने का ऐलान किया है. उन्होंने निजीकरण के कारण कुलियों के काम खत्म होने और बेरोजगारी की चिंता जताई. राष्ट्रीय कुली मोर्चा ने 2008 की नीति के तहत बचे कुलियों को नौकरी देने की मांग की है. संजय सिंह ने आंदोलन में साथ देने का भी भरोसा दिलाया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

हाइलाइट

  • Porters protest for jobs India

आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को घोषणा की कि वे देशभर के रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले कुली समाज की समस्याओं को संसद में प्रमुखता से उठाएंगे. यह बयान उन्होंने नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में कुली समाज के प्रतिनिधियों के साथ संवाद के दौरान दिया.

कुलियों ने संजय सिंह से की मदद की अपील

मंगलवार को कुली समाज के कई सदस्य संजय सिंह से मिलने पहुंचे और अपनी परेशानियां साझा कीं. उन्होंने सांसद से निवेदन किया कि सरकार द्वारा रेलवे में निजीकरण के चलते उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है, और अब उन्हें संसद में उनकी आवाज बनना चाहिए.

रेलवे में निजीकरण से बिगड़ी हालत

संजय सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने रेलवे स्टेशनों पर कुलियों के काम को निजी हाथों में सौंप दिया है, जिसके कारण हजारों कुली बेरोजगार हो गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि "कुली माई" नाम का एक एप भी पहले कुलियों के लिए मददगार था, लेकिन अब वह व्यवस्था भी खत्म कर दी गई है.

22 हज़ार कुलियों को नौकरी पर अभी...

संजय सिंह ने याद दिलाया कि जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तो उन्होंने एक नीति के तहत करीब 22,000 कुलियों को रेलवे में नौकरी दी थी. लेकिन आज भी लगभग 20,000 कुलियों को नौकरी नहीं मिल पाई है. उन्होंने कहा, "मैं पहले भी यह मुद्दा संसद में उठा चुका हूं, और एक बार फिर इसे जोरदार तरीके से उठाऊंगा."

आंदोलन में भी शामिल होंगे संजय सिंह

संजय सिंह ने यह भी कहा कि यदि कुली समाज अपनी मांगों के लिए जंतर-मंतर या किसी अन्य स्थान पर आंदोलन करता है, तो वे उसमें शामिल होकर उनका समर्थन करेंगे. उन्होंने दोहराया कि यह केवल एक रोजगार का मामला नहीं है, बल्कि सम्मान और अस्तित्व की लड़ाई है.

सभी कुलियों को मिले रेलवे में जगह

प्रेस वार्ता के दौरान राष्ट्रीय कुली मोर्चा के संयोजक राम सुरेश यादव ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने सरकार से 2008 की नीति के आधार पर बचे हुए कुलियों को भी रेलवे में समायोजित करने की मांग की. उन्होंने बताया कि टेक्नोलॉजी जैसे एस्केलेटर और लिफ्ट से कुलियों का काम बहुत हद तक प्रभावित नहीं हुआ है, पर निजीकरण ने उनके काम को छीन लिया है.

रेल मंत्री के वादे अधूरे, सुविधाएं नहीं मिल रहीं

राम सुरेश यादव ने बताया कि संजय सिंह द्वारा संसद में यह मुद्दा उठाने पर रेल मंत्री ने जवाब में कई सुविधाएं देने की बात कही थी, जैसे – बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, यूनिफॉर्म, पानी और रेस्ट हाउस. लेकिन देश के किसी भी स्टेशन पर ये सुविधाएं वास्तव में नहीं दी जा रही हैं.

नीति के तहत हो सभी का समायोजन

राम सुरेश यादव ने अंत में केंद्र सरकार से मांग की कि जिस तरह 2008 में कुलियों को समायोजित किया गया था, उसी प्रकार बचे हुए कुलियों और उनके बच्चों को भी रोजगार दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि लालू यादव ने 18 से 50 वर्ष के कुलियों को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन अब तक यह वादा अधूरा है.

कुली समाज की लड़ाई को मिलेगा नया मंच

संजय सिंह द्वारा कुली समाज की समस्याओं को फिर से संसद में उठाने का संकल्प कुलियों के लिए एक बड़ी उम्मीद है. यह देखा जाना बाकी है कि क्या सरकार उनकी आवाज सुनेगी और बेरोजगार कुलियों को राहत देगी.

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22 July 2025, 06:35 PM IST

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