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ऐतिहासिक क्षण! राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी,1954 में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था स्नान

यह आयोजन भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में याद किया जाएगा, क्योंकि वह डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बाद महाकुंभ में स्नान करने वाली दूसरी राष्ट्रपति हैं. रविवार को जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू प्रयागराज में आठ घंटे से अधिक समय बिताएंगी, इस दौरान वह कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर भी जाएंगी.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

महाकुंभ 2025 का आज 29वां दिन है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रयागराज महाकुंभ पहुंची और संगम में आस्था की डुबकी लगाई. राष्ट्रपति सुबह विशेष विमान से प्रयागराज हवाई अड्डे पर पहुंचीं, जहां राज्य की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया. वहां से वह अरैल पहुंचीं और नाव से संगम पहुंचकर स्नान किया. यह आयोजन भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में याद किया जाएगा, क्योंकि वह डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बाद महाकुंभ में स्नान करने वाली दूसरी राष्ट्रपति हैं. रविवार को जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू प्रयागराज में आठ घंटे से अधिक समय बिताएंगी, इस दौरान वह कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर भी जाएंगी.

राष्ट्रपति मुर्मू क्रूज से जाएंगी संगम घाट

राष्ट्रपति मुर्मू का कार्यक्रम सुबह करीब पौने दस बजे शुरू होगा. वह राजकीय विमान से बमरौली एयरपोर्ट पर पहुंचेंगी, जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी अगवानी करेंगे. इसके बाद वह हेलिकॉप्टर से अरैल स्थित डीपीएस हेलीपैड पर जाएंगी, जहां से वह कार द्वारा अरैल घाट पहुंचेंगी और फिर क्रूज के जरिए संगम तट पर जाएंगी. यहां वह पवित्र संगम में डुबकी लगाएंगी. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके साथ रहेंगे.

संगम स्नान के बाद राष्ट्रपति मुर्मू धार्मिक आस्था को और मजबूती देने के लिए अक्षयवट का दर्शन करेंगी.  सनातन संस्कृति में अक्षयवट को अमरता का प्रतीक माना जाता है. यह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थल है. इसकी महत्ता पुराणों में वर्णित है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महाकुंभ क्षेत्र में लेटे हनुमान मंदिर के सामने स्थापित किए गए डिजिटल अनुभूति केंद्र का भी अवलोकन करेंगी. 

प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने लगाई थी संगम में डुबकी

डिजिटल महाकुंभ में भारतीय संस्कृति की ऐतिहासिक विरासत को तकनीक के माध्यम से दर्शाया गया है. समुद्र मंथन को भी डिजिटल और ऑडियो वीडियो के माध्यम से देखा-सुना जा सकता है. राष्ट्रपति शाम 5.45 बजे प्रयागराज से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी. भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी 1954 में कुंभ में डुबकी लगाई थी. द्रौपदी मुर्मू महाकुंभ में डुबकी लगाने वाली देश की दूसरी राष्ट्रपति होंगी.

इसके अलावा, राष्ट्रपति मुर्मू डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का भी अवलोकन करेंगी. इस केंद्र का उद्देश्य महाकुंभ मेले की विस्तृत जानकारी तकनीकी माध्यमों से श्रद्धालुओं तक पहुंचाना है. यह एक पहल है, जो आधुनिक भारत और डिजिटल युग को धार्मिक आयोजनों से जोड़ने की कोशिश कर रही है. यहां देश-विदेश के श्रद्धालुओं को महाकुंभ का अद्भुत अनुभव मिलेगा.

ऐतिहासिक होगा राष्ट्रपति का दौरा

राष्ट्रपति मुर्मू का यह दौरा न केवल प्रयागराज के लिए ऐतिहासिक होगा, बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए भी एक प्रेरणादायी क्षण रहेगा. उनके संगम में डुबकी लगाने से महाकुंभ का धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाएगा. इस ऐतिहासिक मौके से न सिर्फ महाकुंभ की महिमा को एक नई ऊंचाई मिलेगी, बल्कि यह देशवासियों के बीच एक नई उम्मीद और आस्था का संचार करेगा.

राष्ट्रपति मुर्मू शाम पौने छह बजे प्रयागराज से वापस दिल्ली के लिए रवाना होंगी. इस दौरान उनकी यात्रा के मार्ग और कार्यक्रम को इस तरह से व्यवस्थित किया गया है कि आम श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े.

करीब 43.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगा चुके हैं डुबकी

वहीं वीकेंड के कारण शनिवार से लेकर रविवार तक महाकुंभ में जबरदस्त भीड़ रही. सोमवार को भी जबकदस्त भीड़ है. पूरा प्रयागराज जाम हो चुका है. रविवार को 1.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी. 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत से अब तक 43.57 श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं. 26 जनवरी को महाकुंभ 2025 का समापन हो जाएगा. तब तक यब आंकड़ा 50 करोड़ से अधिक पहुंच सकता है. सोमवार को अब तक 10 लाख कल्पवासियों के अलावा 36.19 श्रद्धालुओं ने भी संगम में डुबकी लगाई. कुल 46.19 लाख लोग स्नान कर चुके हैं.

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10 February 2025, 09:56 AM IST

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