पंजाब में खत्म हुआ ‘वसूली राज’, कारोबारियों को मिली डर और रिश्वत से आज़ादी
End Of Extortion Rule: पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार ने पुरानी ‘वसूली व्यवस्था’ खत्म करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब कारोबारियों को बिना डर और बिना रिश्वत के कारोबार करने की पूरी आज़ादी मिलेगी।

Punjab News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बिना नाम लिए विपक्षी पार्टियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से पहले पंजाब में एक वसूली सिस्टम चलता था, जिसमें कारोबारियों और उद्योगपतियों से ज़बरन पैसा वसूला जाता था। कई बार तो फ़ैक्ट्रियों के बाहर लोगों को तैनात कर दिया जाता था ताकि जब तक ‘दान’ न दो, काम आगे न बढ़े। इस माहौल में उद्योग पंजाब छोड़कर चले गए और राज्य की रैंकिंग गिरकर 18वें नंबर पर आ गई।
चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम में केजरीवाल ने कहा कि पहली बार पंजाब सरकार अपने अधिकारों को उद्योगपतियों के हाथों में सौंप रही है। नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी बनाने के लिए 24 कमेटियां बनाई गई हैं, जो यह तय करेंगी कि भविष्य में निवेश कैसे बढ़ाया जाए। यह व्यवस्था पारदर्शी होगी और किसी तरह का दबाव या रिश्वत इसमें जगह नहीं पाएगी।
वसूली राज पर अब पूरी तरह रोक
केजरीवाल ने माना कि वसूली सिस्टम को चार दिन में खत्म करना मुमकिन नहीं था, लेकिन तीन साल की मेहनत के बाद अब हालात बदल चुके हैं। पहले कारोबार रोककर पार्टी फंड लेने की परंपरा थी, लेकिन अब यह बीती बात हो गई है। अब निवेशक 45 दिन में ‘डीम्ड परमिशन’ पा सकेंगे और काम समय पर शुरू होगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार ने पुराने, सड़े-गले नियमों को तोड़कर नया सिस्टम लागू किया है। कारोबारियों को भरोसा दिलाया कि पंजाब में निवेश करने पर सरकार हर सुविधा देगी और कारोबार में किसी तरह की रुकावट नहीं आने देगी। यह बदलाव पंजाब की तरक्की के लिए ज़रूरी था।
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— AAP Punjab (@AAPPunjab) August 8, 2025
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MSME के लिए राहत
रकार ने माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) के लिए भी बड़ा फ़ैसला किया है। अब जिनका टर्नओवर 1.25 करोड़ रुपये से कम है, उन्हें किसी तरह की सरकारी मंजूरी लेने की ज़रूरत नहीं होगी। यह ‘Ease of Doing Business’ नीति का हिस्सा है, जो कारोबारियों का समय और पैसा दोनों बचाएगी।
इस फैसले से छोटे उद्योगपति अब बिना लंबी कागजी प्रक्रिया में उलझे सीधे अपने व्यापार पर ध्यान दे पाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों के उद्यमियों के लिए भी बड़े मौके खोलेगा। सरकार उम्मीद कर रही है कि इससे MSME सेक्टर में तेज़ी से रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।
कारोबारियों का भरोसा कायम
केजरीवाल ने कहा कि आप ने हमें शक्ति दी, अब आप हुक्म दें, हम पालन करेंगे। उन्होंने खुद को और मान को आम आदमी बताते हुए कहा कि हम सत्ता में केवल इसलिए हैं क्योंकि जनता ने भरोसा किया और अब उस भरोसे को निभाना हमारी ज़िम्मेदारी है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर कारोबारियों को किसी भी दफ़्तर में परेशानी हो तो सीधे सरकार से संपर्क करें। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भरोसा दिलाया कि हर genuine निवेशक की फ़ाइल बिना देरी के आगे बढ़ेगी। कारोबारियों ने भी मंच से सरकार के इस कदम की सराहना की और कहा कि ऐसे फैसले पंजाब को एक बार फिर व्यापार का केंद्र बना सकते हैं।
पारदर्शिता की तरफ़ क़दम
सरकार का मानना है कि यह नई व्यवस्था न सिर्फ़ कारोबार को बढ़ावा देगी बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाएगी। बिचौलियों और दलालों का दख़ल ख़त्म होगा और हर निवेशक को बराबर का मौक़ा मिलेगा। यह पंजाब को एक बार फिर देश के औद्योगिक नक्शे पर मज़बूती से खड़ा करेगा। अधिकारियों का कहना है कि अब सभी अनुमतियों और लाइसेंस के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे मानवीय हस्तक्षेप कम होगा। पारदर्शी प्रक्रिया से अंतरराष्ट्रीय स्तर के निवेशक भी आकर्षित होंगे। इससे पंजाब की अर्थव्यवस्था में नई जान आने की पूरी संभावना है।


