पंजाब में ‘ईज़ी रजिस्ट्री’ का आग़ाज़, अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में खत्म होगी रिश्वत की काली कहानी
Easy Registry Punjab: पंजाब के मोगा ज़िले में सरकार ने प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए ‘ईज़ी रजिस्ट्री’ सुविधा शुरू कर दी है। अब लोग बिना किसी रिश्वत के आसानी से रजिस्ट्री करा सकेंगे। यह कदम पारदर्शिता और सुगमता की तरफ़ बड़ा बदलाव है।

पंजाब न्यूज: पंजाब सरकार ने मोगा ज़िले में ‘ईज़ी रजिस्ट्री’ योजना का आग़ाज़ कर दिया है। अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए लंबी लाइनों में लगने या रिश्वत देने की मजबूरी नहीं होगी। यह सुविधा आम जनता को तेज़, सस्ती और बेदाग़ सेवाएं देने के मक़सद से शुरू की गई है। रजिस्ट्री कराने वालों का कहना है कि इस कदम से उन्हें राहत और सुकून दोनों मिला है। रजिस्ट्री दफ़्तर पहुंचे कई लोगों ने बताया कि अब उनका काम बिना किसी ‘सिफ़ारिश’ या ‘नजराने’ के हो रहा है। पहले कई बार हफ़्तों तक फाइलें पड़ी रहती थीं, लेकिन अब निर्धारित समय में काग़ज़ी कार्रवाई पूरी हो रही है। बुज़ुर्ग और महिलाएं इस बदलाव को सबसे बड़ी राहत मान रही हैं।
अधिकारियों का मानना है कि ‘ईज़ी रजिस्ट्री’ से न सिर्फ़ काम तेज़ होगा बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। अब दलालों और बिचौलियों का दख़ल कम होगा और हर नागरिक को बराबर सुविधा मिलेगी। कई इलाक़ों में इस मॉडल को अपनाने की तैयारी भी शुरू हो गई है।
तबादलों से सुधार की कोशिश
सरकार ने इस योजना के साथ कुछ कर्मचारियों के तबादले भी किए हैं। इसमें रजिस्ट्री क्लर्क और सेवक शामिल हैं। इसका मक़सद यह है कि पुराने पैटर्न से जुड़े भ्रष्टाचार को तोड़ा जाए और नई टीम के साथ साफ़-सुथरी कार्यशैली लागू हो।
जनता से मिली तारीफ़
कई नागरिकों ने इस पहल को ‘काबिले-तारीफ़’ बताया। उनका कहना है कि सरकार का यह फ़ैसला सही मायनों में जनता के हक़ में है। इससे आम आदमी को न सिर्फ़ समय की बचत होगी बल्कि मानसिक तनाव भी कम होगा।
दूसरे जिलों में भी मांग
मोगा में मिली कामयाबी को देखते हुए लोग चाहते हैं कि यह सुविधा पंजाब के बाक़ी ज़िलों में भी जल्द शुरू हो। अधिकारियों ने इशारा दिया है कि आने वाले महीनों में इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
पारदर्शिता की तरफ़ बड़ा क़दम
‘ईज़ी रजिस्ट्री’ को प्रदेश में पारदर्शिता और ईमानदारी लाने की दिशा में अहम पहल माना जा रहा है। इससे प्रशासनिक कामकाज पर जनता का भरोसा बढ़ेगा और सरकारी सेवाओं की छवि में सुधार होगा। यह व्यवस्था सही मायनों में ‘जनसेवा’ का प्रतीक बन सकती है।


