कांग्रेस के साथ गठबंधन की बातचीत के बीच सीएम मान ने पंजाब में AAP की 13-0 से जीत का किया वादा
आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी AAP राज्य की सभी 13 लोकसभा सीटें जीतेगी.
आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी AAP राज्य की सभी 13 लोकसभा सीटें जीतेगी. यह बात ऐसे समय आई है जब दोनों दलों के वरिष्ठ नेता पंजाब और दिल्ली में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं. मान ने कहा, (2024 के लोकसभा चुनाव में) 13-0 होगी. आम आदमी पार्टी पंजाब में सभी 13 लोकसभा सीटें जीतेगी.
पिछले साल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) की दिल्ली और पंजाब इकाइयों ने भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने में अनिच्छा दिखाई थी. दोनों पार्टियों के नेताओं ने कहा था कि वे अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे. हालाँकि, 2024 में भारत ब्लॉक भागीदारों ने एक समझौते पर पहुंचने के लिए अपने प्रयासों को नवीनीकृत किया. पिछले हफ्ते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी.
एक बड़ी सफलता में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सोमवार को चंडीगढ़ में 18 जनवरी को होने वाले मेयर पद के लिए सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ने पर सहमत हुए. आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा मेयर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे, जबकि कांग्रेस के गुरप्रीत सिंह गैबी और निर्मला देवी क्रमशः वरिष्ठ डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे.
हालाँकि, सीएम मान की बातो से पता चलता है कि सीट वितरण के लिए कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी की चर्चा अभी तक उन्नत स्तर तक नहीं पहुँची है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों राज्यों में कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं. यह आप ही थी जिसने दोनों राज्यों में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया. चंडीगढ़ समझौते को पंजाब में बड़ी साझेदारी की दिशा में दोनों पक्षों द्वारा उठाए गए पहले ठोस कदम के रूप में देखा जा रहा है.
35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद हैं. इसमें एक पदेन सदस्य सांसद भी होता है जिसके पास मतदान का अधिकार होता है. आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षद हैं. सदन में शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है. अगर गुप्त मतदान में क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो आप-कांग्रेस गठबंधन को बड़ी जीत मिलने की उम्मीद है. बता दें कि 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने आठ सीटें जीतीं थी. तो वहीं आप ने सिर्फ एक सीट जीत पाई थी. हालाँकि, पिछले पाँच वर्षों में पंजाब की राजनीतिक स्थिति में भारी बदलाव आया है.