ऑस्ट्रेलिया में पंजाब के बेटे की दर्दनाक मौत: पढ़ाई कर रहे युवक को गोलियों से किया छलनी
पार्किंग में गुरुवार रात पढ़ाई कर रहे एकम सिंह की मामूली कहासुनी ने खौफनाक मोड़ ले लिया, जब बहस के दौरान एक युवक ने गोली चला दी, जिससे एकम की मौके पर ही मौत हो गई।

पंजाब न्यूज. 18 साल का एकम सिंह साहनी… सपनों को पंख देने ऑस्ट्रेलिया गया था। वो लड़का जो हर शाम किताबों में डूब जाया करता था, उस रात भी न्यू साउथ वेल्स की एक पार्किंग में पढ़ाई कर रहा था। लेकिन किसे पता था कि यही शांति उसकी ज़िंदगी की आखिरी शाम साबित होगी। गुरुवार रात करीब 12:45 बजे, कुछ युवकों से मामूली बहस हुई। बहस इतनी बढ़ी कि सामने वाले ने हथियार निकाल लिया। एक गोली नहीं, कई गोलियां… और देखते ही देखते पंजाब का लाल उस वीराने में खून से लथपथ पड़ा था।
सबूत मिटाने को जला दी कार, पुलिस के भी उड़े होश
जुर्म यहीं नहीं रुका। हमलावरों ने एकम की कार को भी आग के हवाले कर दिया, शायद सबूत मिटाने की कोशिश थी। लेकिन आग तो अब उन रिश्तों की लगी है जो एकम के साथ टूट गए। पुलिस घटनास्थल पर पहुँची, शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गई है। हत्या का केस दर्ज हो चुका है और हमलावरों की तलाश जारी है। अब ये मामला केवल एक हत्या का नहीं रहा, बल्कि ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल बन गया है।
राजपुरा में मातम, दादी की आंखें नम
राजपुरा के गुलाब नगर में मातम पसरा है। एकम की बुजुर्ग दादी, मनमोहन कौर, जिनके लिए वो पोता ही सारी दुनिया था – लगातार रोते-रोते उनकी तबीयत बिगड़ गई है। परिवार इस हद तक सदमे में है कि बोलने की हालत में नहीं। कुछ साल पहले बेहतर भविष्य की उम्मीद में यह परिवार ऑस्ट्रेलिया गया था। पर क्या पता था कि उजाले की तलाश में इतनी अंधेरी खबर लौटेगी?
दूसरा केस, दो महीने में दूसरा सदमा
गौर करने वाली बात ये है कि कुछ दिन पहले ही पंजाब की छात्रा हरसिमरत रंधावा की भी ऑस्ट्रेलिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब एकम की हत्या ने इस चिंता को और गहरा कर दिया है – आखिर भारतीय छात्रों की जान वहां इतनी सस्ती क्यों?
सवाल सिर्फ एकम की मौत का नहीं
अब मामला सिर्फ एक युवक की मौत का नहीं, बल्कि एक सिस्टम, एक सोच और एक समाज की चुप्पी का है। कब तक हमारे बच्चे विदेशों में गोली खाएंगे? कब तक परिवार सिर्फ वीडियो कॉल पर आंसू बहाएंगे?


