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सीएम मान का बड़ा कदम: विशेष शिक्षक पंजाब की कक्षाओं का कायाकल्प करेंगे

पंजाब सरकार ने पहली बार सरकारी स्कूलों में 725 विशेष शिक्षकों की सीधी भर्ती की घोषणा की है। यह कदम विशेष बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने और स्कूलों में समावेशी शिक्षा का माहौल बनाने के लिए उठाया गया है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

पंजाब समाचार: पंजाब सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सरकारी स्कूलों में 725 विशेष शिक्षकों की भर्ती शुरू कर दी है। इससे 47 हज़ार से ज़्यादा विशेष बच्चों को सीधा फ़ायदा होगा। इनमें से 393 पद प्राइमरी कैडर के लिए और 332 मास्टर कैडर के लिए हैं। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 21 जुलाई 2025 तक चलेगी। शिक्षा में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। विशेष शिक्षक बच्चों को उनकी ज़रूरतों के हिसाब से पढ़ाएँगे।राजनीतिक व्यंग्य सामग्री

शिक्षा मंत्री की घोषणा

शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि यह फैसला उन बच्चों के लिए बेहद अहम है जिन्हें अब तक सामान्य वर्ग में उचित मदद नहीं मिल पा रही थी। सरकार का लक्ष्य अगले डेढ़ महीने में पूरी भर्ती प्रक्रिया पूरी करना है। ताकि नए सत्र की शुरुआत से पहले शिक्षक अपना कार्यभार संभाल लें। ये शिक्षक बच्चों को उनकी समझ और ज़रूरत के हिसाब से पढ़ाएँगे। इससे बच्चों को स्कूल में बेहतर अनुभव मिलेगा।

कैबिनेट ने मंजूरी दी

सरकार की कैबिनेट बैठक में कुल 4,000 विशेष शिक्षकों के पदों को मंजूरी दी गई। इनमें से पहले चरण में 725 पद भरे जा रहे हैं। बाकी पद बाद में भरे जाएँगे। प्राइमरी कैडर के लिए 1,950 और मास्टर कैडर के लिए 1,650 पद स्वीकृत किए गए हैं। इन भर्तियों के लिए आर्ट एंड क्राफ्ट और ईटीटी के रिक्त पदों में बदलाव किया गया है। राज्यपाल ने इन बदलावों को मंजूरी दे दी है।

75 प्रतिशत सीधी भर्ती

इस पूरी प्रक्रिया में 75 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाएँगे। शेष 25 प्रतिशत पद योग्य कर्मचारियों द्वारा पदोन्नति के माध्यम से भरे जाएँगे। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि योग्य कर्मचारियों को उनका अधिकार मिल सके और बाहरी प्रतिभाएँ भी आ सकें। इससे भर्ती में संतुलन बना रहेगा। सरकार ने कहा है कि वह जल्द ही इस संबंध में वेबसाइट पर दिशानिर्देश जारी करेगी।

प्राथमिक स्तर पर अधिक अवसर

प्राथमिक स्तर पर छोटे बच्चों के लिए 90 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाएँगे। केवल 10 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएँगे। इन 10 प्रतिशत में से 8 प्रतिशत पद प्री-प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों के लिए और 2 प्रतिशत शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षकों के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसका मतलब है कि स्कूलों में पहले से कार्यरत शिक्षकों को भी लाभ मिलेगा। इससे सभी को समान अवसर मिलेंगे।

बच्चों को लाभ मिलेगा

इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा उन बच्चों को होगा जो पढ़ाई के लिए दूसरों पर निर्भर हैं। अब हर स्कूल में एक शिक्षक होगा जो उनकी बात समझेगा और उन्हें उसी के अनुसार पढ़ाएगा। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और स्कूल जाने का उनका मन भी करेगा। पहले उन्हें या तो दूसरे स्कूल में भेज दिया जाता था या फिर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता था।

समावेशी शिक्षा की ओर कदम

यह पूरी योजना सरकार की समावेशी शिक्षा नीति का एक हिस्सा है। इसमें हर बच्चे को समान अधिकार मिलेंगे। शिक्षा केवल किताबें पढ़ाना नहीं है, बल्कि हर बच्चे को साथ लेकर चलने की ज़िम्मेदारी है। इसी को ध्यान में रखते हुए ये बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार चाहती है कि कोई भी बच्चा पीछे न छूटे।

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14 July 2025, 02:55 PM IST

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