मोहाली में एआई सिस्टम से पुलिस की स्पीड बढ़ी और ट्रैफिक में आया अनुशासन, शहर हुआ और सुरक्षित
मोहाली में पंजाब सरकार ने एआई आधारित ट्रैफिक और सुरक्षा प्रणाली शुरू की है। 400 से ज्यादा कैमरों वाला यह सिस्टम शहर में निगरानी, अनुशासन और सुरक्षा को पहले से तेज़ और बेहतर बना रहा है।

मोहाली में लगाए गए 400 से अधिक कैमरे अब हर सड़क पर नजर रख रहे हैं। यह कैमरे नंबर प्लेट भी पहचानते हैं। गलत गाड़ी चलाने वालों पर तुरंत चालान बनता है। इससे लोगों में डर बढ़ा है। नियम मानने की आदत मजबूत हुई है। पुलिस को पुरानी तरह दौड़भाग नहीं करनी पड़ती। कैमरा खुद सब कुछ रिकॉर्ड कर लेता है। यह बदलाव बहुत तेजी से असर दिखा रहा है।
रीयल-टाइम सिस्टम कैसे काम करता है?
कंट्रोल रूम में बड़ी स्क्रीन पर हर सड़क का लाइव वीडियो आता है। पुलिस तुरंत देख लेती है कि कहाँ भीड़ है। कहाँ एक्सीडेंट का खतरा है। किस गाड़ी ने गलती की है। डेटा डैशबोर्ड भी हर मिनट अपडेट होता है। इससे फैसला लेने में समय नहीं लगता। यह सिस्टम शहर को स्मार्ट तरीके से संभाल रहा है। काम तेजी से होता है। पुलिस की ऊर्जा भी बचती है।
जुर्माने इतनी तेजी से क्यों बढ़े?
सिस्टम शुरू होते ही पहले हफ्ते में ही 1.40 करोड़ का चालान हुआ। अब रोज़ 5,000 से 6,000 चालान बन रहे हैं। लोग समझ गए हैं कि कैमरे से बचना नामुमकिन है। यह राजस्व भी बढ़ा रहा है। और नियम पालन भी। सड़क पर अव्यवस्था पहले से कम हुई है। गलत पार्किंग भी घट रही है। इससे ट्रैफिक जाम में तेज़ी से कमी देखी गई है।
आपातकाल में यह कितना मददगार?
एआई से अब हादसे पर तुरंत अलर्ट मिल जाता है। एंबुलेंस और पुलिस तुरंत स्थान पर भेजी जाती है। इससे जान बचाने का समय बढ़ता है। बारिश या रात में भी निगरानी कम नहीं होती। सिस्टम हर दिशा से सड़क को देखता रहता है। पहले जानकारी मिलने में देर होती थी। अब सब कुछ मिनटों में हो जाता है। यह शहर को ज्यादा सुरक्षित बना रहा है।
सरकार इसे इतना बड़ा बदलाव क्यों मानती है?
मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि यह पंजाब को स्मार्ट राज्यों की कतार में लाएगा। इससे शहर की सुरक्षा और अनुशासन दोनों बढ़ेंगे। सरकार का उद्देश्य है कि तकनीक से लोगों की जिंदगी आसान हो। गांव और शहर का अंतर कम हो। यह प्रणाली अपराध रोकने में भी उपयोगी बन रही है। यह पंजाब को डिजिटल इंडिया की लहर में और आगे ले जा रही है।
लोगों की जिंदगी पर क्या असर?
अब ट्रैफिक जाम कम हो रहे हैं। लोग समय पर पहुँच रहे हैं। सड़क पर कम खतरनाक मोड़ बन रहे हैं। सुरक्षित ड्राइविंग बढ़ रही है। जो लोग पहले हेलमेट नहीं पहनते थे, अब पहन रहे हैं। नियम मानने वाले ज्यादा दिख रहे हैं। शहर में डर और अनुशासन दोनों बढ़े हैं। नागरिक कह रहे हैं कि पहले जैसी अव्यवस्था अब नहीं दिखती।
भविष्य के लिए यह कितना जरूरी?
सरकार इस प्रणाली के डेटा को भविष्य की नीतियों में इस्तेमाल कर रही है। इससे पता चलता है कि कहाँ सड़क सुधारने की जरूरत है। कहाँ लाइट्स बढ़ानी चाहिए। कहाँ पुलिस तैनाती सबसे जरूरी है। यह पूरा सिस्टम आने वाले समय में पूरे पंजाब में फैल सकता है। इससे राज्य का विकास मॉडल और मजबूत होगा। एक सुरक्षित भविष्य की नींव तैयार हो रही है।


