सांसद अमृतपाल की हाईकोर्ट में याचिका खारिज, बजट सत्र में नहीं हो पाएंगे शामिल
अमृतपाल ने लोकसभा में शामिल होने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया. इस दौरान, केंद्र ने सूचित किया कि लोकसभा ने उन्हें 54 दिनों की अनुपस्थिति की छुट्टी दी थी. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ने अवकाश आवेदनों की जांच के लिए 15 सदस्यीय समिति बनाई थी.

MP Amritpal Singh: खालिस्तान समर्थक और निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली. अमृतपाल, जो लोकसभा में खडूर साहिब सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में हैं. उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज करते हुए संसद की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं दी. इस फैसले के बावजूद, उनकी सदस्यता पर कोई फैसला नहीं लिया गया, लेकिन संसद में उनकी उपस्थिति पर अनिश्चितता बनी रही.
अमृतपाल ने 30 नवंबर और 16 दिसंबर, 2024 को स्पीकर को पत्र लिखकर संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी थी, ताकि उनकी सदस्यता पर कोई संकट न आए. उन्होंने यह भी कहा था कि 60 दिनों की अनुपस्थिति के बाद, उन्हें अयोग्य घोषित किया जा सकता है. हालांकि, लोकसभा ने उन्हें सूचित किया कि वह 24 जून 2024 से 12 दिसंबर 2024 तक अनुपस्थित रहे हैं.
पंजाब सरकार ने याचिका का किया था विरोध
पंजाब सरकार ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि हिरासत में रहते हुए अमृतपाल को संसद में भाग लेने का कोई अधिकार नहीं है. वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता ने अदालत को यह बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर पहले ही दो प्रमुख फैसले दिए हैं.
अमृतपाल को 2023 में पंजाब पुलिस ने किया था गिरफ्तार
अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया था और वह निवारक हिरासत में हैं. वह कई गंभीर मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें हत्या, अपहरण और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) शामिल हैं. अमृतपाल ने 2024 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी, और उनके परिवार ने उनकी ओर से प्रचार किया था.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी अमृतपाल को संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति देने की वकालत की थी, जिससे जुलाई 2024 में संसद में विवाद हो गया था.