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MNC में जॉइनिंग के 3 महीने बाद ही नौकरी छोड़ने को तैयार, 'टॉक्सिक कल्चर से परेशान कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर मांगी सलाह

सिंगापुर की एक एमएनसी में नई जॉइन की महिला सिर्फ तीन महीने में बुरी तरह थक गई. लगातार कॉल्स, छोटे-मोटे काम और उसके प्राइवेसी का सम्मान न होने से तंग आकर नौकरी छोड़ने का मन बना लिया. रेडिट पर शेयर की आपबीती, हजारों लोगों ने दी अपनी राय.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: एक मल्टीनेशनल कंपनी में हाल ही में जॉइन हुई एक महिला कर्मचारी ने महज तीन महीने के भीतर ही खुद को मानसिक रूप से पूरी तरह थका हुआ बताया है. काम के अत्यधिक दबाव और तनावपूर्ण माहौल से परेशान होकर वह नौकरी छोड़ने पर विचार कर रही है. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है.

सिंगापुर में काम कर रही इस महिला ने रेडिट पर अपनी आपबीती साझा की, जहां उसने दावा किया कि उसकी टीम न तो उसके समय की कद्र करती है और न ही उसकी व्यक्तिगत सीमाओं का सम्मान. पोस्ट सामने आने के बाद हजारों यूजर्स ने इस पर अपनी-अपनी राय रखी.

2-3 मिनट में जवाब नहीं तो कॉल पर कॉल

रेडिट पोस्ट में महिला ने लिखा कि उसके सहकर्मी उससे हर वक्त तुरंत जवाब की उम्मीद रखते हैं. अगर वह 2 से 3 मिनट में मैसेज का जवाब नहीं देती, तो बार-बार कॉल किए जाते हैं. इतना ही नहीं, यह सिलसिला कई बार ऑफिस टाइम खत्म होने के बाद भी जारी रहता है. महिला का कहना है कि कुछ टीम मेंबर्स बेहद साधारण काम भी खुद करने को तैयार नहीं हैं और हर छोटी जिम्मेदारी उसी पर डाल दी जाती है.

वे स्लाइड में एक मान बदलने जैसी छोटी सी बात भी करने को तैयार नहीं हैं. अपने अनुभव शेयर करते हुए उसने लिखा कि वे स्लाइड में किसी मान को बदलने जैसी छोटी सी बात भी करने को तैयार नहीं हैं और आगे कहा कि वे मुझसे ईमेल या मैसेज के जरिए काम करवाना ज्यादा पसंद करते हैं. वे तो मुझसे यह भी पूछते हैं कि मैं काम के घंटों के बाद क्यों जा रही हूं. लगातार बढ़ते दबाव से परेशान होकर महिला ने अन्य यूजर्स से सलाह मांगी. उसने लिखा कि क्या मुझे चले जाना चाहिए? मैं इस मामले पर सबकी राय जानना चाहती हूं.

सोशल मीडिया पर मिली मिली-जुली प्रतिक्रियाएं

महिला की पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं बंटी हुई नजर आईं. कुछ लोगों का मानना था कि सिर्फ तीन महीने में किसी वर्कप्लेस को टॉक्सिक कहना जल्दबाजी हो सकती है. एक यूजर ने लिखा कि आमतौर पर तीन महीने में कार्य की तर्कसंगतता को समझने और उसे जानने के लिए बहुत कम समय होता है. इस प्रकार की कार्य संस्कृति बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काफी आम है, खासकर यदि आप संचालन विभाग में हैं. आपकी कार्यशैली उनकी कार्यशैली से मेल न खाती हो, न कि इसलिए कि वे विषाक्त हैं.

अर्जेंट बिहेवियर हमेशा टॉक्सिक नहीं होता

एक अन्य यूजर ने कहा कि काम में सख्ती या तुरंत प्रतिक्रिया की उम्मीद को हमेशा टॉक्सिक कल्चर नहीं कहा जा सकता, खासकर तब जब डेडलाइन या क्लाइंट का दबाव हो.

मैनेजर से बात करने की सलाह

कुछ यूजर्स ने महिला को जल्दबाजी में फैसला न लेने की सलाह दी. एक यूजर ने कहा कि टीम डायनामिक्स को थोड़ा और समय देकर समझना चाहिए, अपनी परेशानी खुलकर मैनेजर के सामने रखनी चाहिए और अगर हालात न सुधरें तो नई नौकरी मिलने के बाद ही इस्तीफा देना बेहतर होगा.

मेंटल हेल्थ पर असर...

एक अन्य यूजर ने लंबे समय के असर पर ध्यान देने की सलाह दी. उन्होंने लिखा कि नौकरी छोड़ने के भी परिणाम होते हैं. इसका असर आपके रिज्यूमे पर पड़ सकता है. एक नकारात्मक माहौल में काम करना भी एक तरह की ट्रेनिंग है. अगर हो सके तो भावुक न हों. यह एक नौकरी है, इसलिए इसे गंभीरता से लें और इसके फायदे-नुकसान का आकलन करें. लेकिन अगर इससे आपका मानसिक संतुलन बिगड़ने लगे, तो नौकरी छोड़ दें. क्योंकि आप निष्पक्ष नहीं रह पाएंगे. यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है.

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15 December 2025, 11:23 AM IST

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