बाढ़ के कहर में भी गुरु ग्रंथ साहिब का आदर, ‘आप’ विधायक ने निभाई मर्यादा
पंजाब में आई बाढ़ ने हज़ारों लोगों को तबाह कर दिया, लेकिन इस संकट में इंसानियत और धर्म की मिसाल भी सामने आई। ‘आप’ विधायक ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप सम्मान के साथ सुरक्षित पहुँचाया और सरकार ने वेतन दान का एलान किया।

पंजाब न्यूज. पंजाब के होशियारपुर ज़िले के अब्दुल्लापुर गाँव में बाढ़ का पानी जब हर तरफ़ फैल गया तो लोग अपनी जान और घर बचाने में लगे हुए थे। इसी दौरान हल्का उड़मुर से आम आदमी पार्टी के विधायक जसवीर सिंह राजा गिल ने ऐसा काम किया जिसने पूरी सिख संगत का दिल छू लिया। उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप को पूरे अदब और इज़्ज़त के साथ सुरक्षित जगह पहुँचाया। संगत ने पहले अरदास की, दुआ की और फिर स्वरूप को उठाकर बाहर ले जाया गया। यह नज़ारा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और हर तरफ़ श्रद्धा और राहत की हवा फैल गई।
धार्मिक मर्यादा का रखा ख़याल
जब ब्यास दरिया का पानी गाँव के घरों और गली-कूचों में भर रहा था, तब भी गुरु साहिबान की मर्यादा से कोई समझौता नहीं किया गया। विधायक राजा गिल ने दिखा दिया कि क़ुदरत के क़हर में भी धर्म और परंपरा की रक्षा सबसे पहले है। लोगों का कहना है कि यह घटना सिर्फ़ धर्म की नहीं, बल्कि इंसानियत की भी मिसाल है। गाँव वालों ने कहा कि मुश्किल वक़्त में यह नज़ारा उन्हें हिम्मत और उम्मीद देने वाला साबित हुआ।
सरकार का बड़ा फ़ैसला
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एलान किया है कि वह, उनकी कैबिनेट और आम आदमी पार्टी के सभी विधायक अपनी एक महीने की तनख़्वाह बाढ़ राहत फंड में देंगे। उनका कहना है कि यह वक़्त राजनीति दिखाने का नहीं, बल्कि सेवा करने का है। उन्होंने कहा कि पंजाब की मिट्टी हमेशा संकट के वक़्त एकजुट होकर खड़ी होती है। इस क़दम को जनता ने सराहा और कहा कि इससे सरकार और जनता के बीच भरोसा मज़बूत हुआ है।
सोशल मीडिया पर भावनात्मक लहर
जैसे ही श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप को सुरक्षित निकालने का वीडियो सोशल मीडिया पर आया, वैसे ही पूरे पंजाब में भावनात्मक लहर दौड़ गई। लोग लिखने लगे कि यह असली राजधर्म है। किसी ने कहा – इंसानियत और धर्म जब साथ आते हैं तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। यह घटना सिर्फ़ एक गाँव की नहीं, बल्कि पूरे पंजाब के दिलों को छू गई।
ज़मीनी स्तर पर राहत अभियान
सरकार और प्रशासन ने भी राहत और बचाव के कामों को तेज़ कर दिया है। अफ़सर और मंत्री चौबीसों घंटे ड्यूटी पर हैं। मेडिकल टीमों को गाँव-गाँव भेजा जा रहा है और खाने-पीने का सामान भी पहुँचाया जा रहा है। किसानों की हालत सबसे ज़्यादा ख़राब है क्योंकि उनकी पूरी फ़सल पानी में डूब गई है। लेकिन सरकार ने भरोसा दिलाया है कि किसी को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।
विपक्ष का भी बयान
विपक्षी दलों ने कहा कि सरकार को सिर्फ़ एलान से आगे बढ़कर असली मदद करनी होगी। उनका कहना है कि खेतों और घरों के नुक़सान की तुरंत भरपाई होनी चाहिए। लेकिन साथ ही विपक्ष ने विधायक के इस क़दम की तारीफ़ भी की और कहा कि धर्म और इंसानियत को बचाना राजनीति से कहीं बड़ा काम है।
जनता में बढ़ा भरोसा
पंजाब की जनता का कहना है कि मुश्किल घड़ी में अगर सरकार और संगत साथ खड़े हों तो कोई भी तबाही बड़ी नहीं होती। लोगों का कहना है कि इस बार भी पंजाब उसी तरह उठ खड़ा होगा जैसे पहले उठता आया है। एक बुज़ुर्ग ने कहा – “जान बच गई तो सबकुछ फिर से बनाया जा सकता है, लेकिन धर्म और इंसानियत की मिसाल हमेशा ज़िंदा रहनी चाहिए।”


