पंजाब के बच्चों की थाली में अब हर दिन नया स्वाद, मिड-डे मील में बड़ा बदलाव
पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए मिड-डे मील में बड़ा बदलाव किया है। अगस्त 2025 के लिए नया मेन्यू तैयार किया गया है। अब बच्चों को हर दिन अलग स्वाद और बेहतर पोषण देने का वादा किया गया है।

Punjab News: यह बदलाव बच्चों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं। पहले वही पुराना स्वाद रोज मिलता था, जिससे बच्चे ऊब जाते थे। अब हर दिन अलग व्यंजन मिलेगा, जैसे राजमा-चावल, कढ़ी-चावल और मौसमी फल। स्कूल में जब पहली बार नया मिड-डे मील परोसा जाएगा, तो बच्चों के चेहरे खिल उठेंगे। कई बच्चों के लिए यह ही दिन का सबसे अच्छा खाना होता है, इसलिए इसका स्वाद बदलना उनके लिए बड़ी खुशी है। शिक्षक भी मान रहे हैं कि इससे बच्चों की पढ़ाई में ध्यान और जोश बढ़ेगा। गांव में भी इस बदलाव की चर्चा है और लोग इसे सही कदम बता रहे हैं।
बच्चों के चेहरे पर रौनक
नया मेन्यू आते ही बच्चों में खुशी की लहर दौड़ गई। अब रोज वही खाना नहीं मिलेगा जो पहले कई सालों से परोसा जा रहा था। इस बार मेन्यू में दाल, राजमा, मौसमी सब्जियां और फल शामिल किए गए हैं। सरकार चाहती है कि बच्चे पढ़ाई के साथ स्वस्थ भी रहें। यह योजना सीधे बच्चों की सेहत सुधारने पर केंद्रित है।
पहली बार खास निगरानी
इस बार सरकार ने साफ किया है कि हर स्कूल में मिड-डे मील इंचार्ज की जिम्मेदारी तय की गई है। बच्चों को लाइन में बैठाकर खाना देना होगा और कोई गड़बड़ी पकड़ी गई तो कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग की टीम समय-समय पर जांच करेगी। इससे लापरवाही करने वाले स्कूलों पर भी रोक लग सकेगी।
त्योहारों पर अतिथि भोजन
इस मेन्यू के साथ एक नई पहल भी जोड़ी गई है। खास मौकों पर गांव के सरपंच, सामाजिक लोग या किसी भी परिवार को बच्चों के लिए मिठाई, फल या खास व्यंजन लाने का न्योता दिया गया है। इससे बच्चों को त्योहार जैसा माहौल मिलेगा। इस योजना का उद्देश्य बच्चों को समाज से जोड़ना और उनमें अपनापन पैदा करना है।
हर दिन का नया जायका
नए प्लान के तहत सोमवार को दाल-रोटी, मंगलवार को राजमा-चावल और खीर, बुधवार को आलू-चना और पूरी, गुरुवार को कढ़ी-चावल, शुक्रवार को मौसमी सब्जी-रोटी और शनिवार को दाल-चावल के साथ फल दिया जाएगा। इस तरह बच्चे पूरे हफ्ते अलग-अलग स्वाद का आनंद लेंगे।
पोषण पर ज्यादा ध्यान
मेन्यू तैयार करते वक्त बच्चों की सेहत पर फोकस रखा गया। प्रोटीन, विटामिन और कार्बोहाइड्रेट का सही संतुलन बनाया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बदलाव से बच्चों में कुपोषण कम होगा। पहले जो ऊबन थी, अब उसकी जगह उत्साह और ताजगी आएगी।
स्कूल और अभिभावक मिलकर
सरकार ने यह भी तय किया है कि अभिभावकों को इस योजना से जोड़ा जाए। अगर माता-पिता चाहें तो वे भी अतिथि भोजन में योगदान कर सकते हैं। इससे स्कूल और समाज के बीच तालमेल बढ़ेगा और बच्चों को बेहतर माहौल मिलेगा।
भविष्य के लिए बड़ा कदम
यह बदलाव सिर्फ एक मेन्यू नहीं बल्कि बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने का प्रयास है। सरकार मानती है कि अच्छा खाना ही पढ़ाई में भी बेहतर नतीजे देता है। इस योजना से पंजाब के सरकारी स्कूलों की छवि में भी सुधार आएगा।


