लॉर्ड्स में ICC की 'अंधी निगरानी'! भारत की शिकायत बनी मज़ाक?
भारत ने ICC से शिकायत की है कि इंग्लैंड को मनमाफिक गेंदें दी गईं जिससे खेल का संतुलन बिगड़ा. लॉर्ड्स टेस्ट में खराब गेंद बदलने पर भारत को ज्यादा पुरानी गेंद दी गई, जिससे स्विंग रुक गई और इंग्लैंड को फायदा मिला.

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज़ में एक और विवाद खड़ा हो गया है. भारतीय टीम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के मैच रेफरी से शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि गेंदों के चयन में इंग्लैंड को प्राथमिकता दी गई है, जिससे खेल का संतुलन बिगड़ा.
भारत ने गेंद को लेकर जताई आपत्ति
मामला लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान का है, जब भारत ने एक गेंद को लेकर आपत्ति जताई थी. तीसरे टेस्ट की पहली पारी में जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाज़ी के चलते इंग्लैंड मुश्किल में था. उन्होंने महज़ 14 गेंदों में तीन महत्वपूर्ण विकेट लेकर विपक्षी टीम को दबाव में डाल दिया था. लेकिन इसी दौरान करीब 10 ओवर पुरानी गेंद खराब हो गई और भारत ने उसे बदलने की मांग की.
ICC के नियमों के अनुसार, बदलने वाली गेंद की उम्र लगभग उतनी ही होनी चाहिए जितनी पुरानी गेंद थी, यानी 10 ओवर के आसपास. हालांकि भारतीय खेमे का दावा है कि उन्हें जो गेंद दी गई, वह करीब 30–35 ओवर पुरानी थी. इस बदलाव के बाद इंग्लैंड ने वापसी करते हुए स्कोर 355 रन तक पहुंचाया और अंततः मैच 22 रन से जीत लिया.
एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि गेंद खराब हो चुकी थी, वह आकार में नहीं थी और अंपायर की रिंग टेस्ट में भी फेल हो गई. मगर जब नई गेंद दी गई, तो वह कहीं ज़्यादा पुरानी थी. उसके बाद गेंद स्विंग करना बंद कर गई और इंग्लैंड ने आसानी से रन बना लिए.
नहीं बताई गई प्रतिस्थापन गेंद की उम्र
भारत ने यह भी शिकायत की है कि उन्हें प्रतिस्थापन गेंद की उम्र नहीं बताई गई, जो उनके लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकता था. अधिकारी ने कहा कि अगर हमें पता होता कि अगली गेंद इतनी पुरानी है, तो हम शायद उसी विकृत गेंद से खेलना जारी रखते. ICC को यह नियम बदलना चाहिए और गेंद की उम्र स्पष्ट रूप से बतानी चाहिए.
इसके अलावा, रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि इस सीरीज़ में प्रयोग की जा रही ड्यूक्स गेंदों में गहरे लाल रंग वाली गेंदों से अधिक स्विंग मिल रही है. भारतीय पक्ष का दावा है कि जब उन्होंने वही गेंद मांगी तो बताया गया कि इंग्लैंड ने उसे पहले ही दूसरी नई गेंद के रूप में चुन लिया है.
भारतीय अधिकारियों की मांग है कि अब गेंदों का चयन केवल मैच रेफरी की मौजूदगी में होना चाहिए, न कि अंपायर द्वारा ड्रेसिंग रूम में, जिससे पारदर्शिता बनी रहे.


