पंजाब पुलिस ने दो संदिग्धों Pak जासूसों को किया गिरफ्तार, सशस्त्र बलों से जुड़ी जानकारियां देने का आरोप

पंजाब पुलिस ने गुरदासपुर में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारी लीक कर रहे थे. पुलिस ने उनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन और आठ कारतूस बरामद किए. प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि आरोपी भारतीय सेना की योजनाओं को पाकिस्तान भेज रहे थे. इस मामले में सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन हुआ है और जांच जारी है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

पंजाब पुलिस ने एक महत्वपूर्ण जासूसी-विरोधी अभियान में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार करके राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया. यह घटना गुरदासपुर जिले में घटी, जहां पुलिस ने जानकारी लीक करने में शामिल दो लोगों को पकड़ा. ये लोग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संपर्क में थे और भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारी साझा कर रहे थे. पुलिस की तत्परता और खुफिया जानकारी के आधार पर इस ऑपरेशन को सफलता मिली.

संवेदनशील सैन्य जानकारी लीक करने का मामला

15 मई 2024 को, पंजाब पुलिस को विश्वसनीय खुफिया सूचनाएं मिलीं, जिनसे पता चला कि सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह, दोनों पंजाब के निवासी, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी साझा कर रहे थे. इन संदिग्धों का इरादा भारतीय सेना के संचालन और रणनीतिक स्थानों की जानकारी पाकिस्तान को देने का था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे की बात थी. इन दोनों संदिग्धों का संबंध विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर से था, जो भारतीय सेना द्वारा की जाने वाली एक महत्वपूर्ण सैन्य योजना थी.

गिरफ्तारी और उपकरणों की बरामदगी

पंजाब पुलिस ने इन संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच की, जिसमें यह पुष्टि हुई कि वे भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारी आईएसआई से साझा कर रहे थे. पुलिस ने उनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन और आठ जिंदा कारतूस (.30 बोर) भी बरामद किए. यह साबित करता है कि आरोपियों का किसी तरह का सशस्त्र गतिविधियों में भी हाथ था. इन दोनों संदिग्धों से मिले सुरागों के आधार पर पुलिस ने जांच में और भी महत्वपूर्ण दस्तावेज और सूचना जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

प्रारंभिक जांच और सरकारी गोपनीयता उल्लंघन

प्रारंभिक जांच से यह सामने आया है कि आरोपी सीधे तौर पर आईएसआई के संचालकों से जुड़े हुए थे और भारतीय सशस्त्र बलों की गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान को भेज रहे थे. इनकी गतिविधियों से सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन हुआ था, जिसके तहत पीएस दोरंगला में एफआईआर दर्ज की गई है. यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत गंभीर है, क्योंकि इसके द्वारा भारतीय सेना और हमारे रक्षा तंत्र की सुरक्षा को खतरा हो सकता था.

पंजाब पुलिस की तत्परता

इस साजिश को समय रहते नाकाम करने में पंजाब पुलिस ने अपनी तत्परता और प्रतिबद्धता का परिचय दिया है. पुलिस ने इस मामले में न केवल दोषियों को गिरफ्तार किया, बल्कि इस मामले में आगे की जांच की प्रक्रिया भी तेज कर दी है. पुलिस का कहना है कि वे भारतीय सेना के साथ मजबूती से खड़े हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ किसी भी तरह के प्रयास का कड़ा विरोध करेंगे. इस मामले में पुलिस की कार्रवाई यह दर्शाती है कि सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरह की जासूसी गतिविधियों को गंभीरता से लेती हैं और देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले तत्वों के खिलाफ कठोर कदम उठाती हैं.

जांच और भविष्य में खुलासे

पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि आरोपियों ने भारतीय सेना की सैन्य योजनाओं की जानकारी पाकिस्तान भेजी थी. हालांकि, यह केवल शुरुआत है और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, नए खुलासे हो सकते हैं. पुलिस और खुफिया एजेंसियों की ओर से इस मामले में और भी संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने की प्रक्रिया जारी है.

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19 May 2025, 02:55 PM IST

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