'राहुल गांधी भी संविधान बचाने के लिए लड़ते हैं', कांग्रेस नेता ने नोबेल पुरस्कार को लेकर किया चौंकाने वाला पोस्ट
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह राजपूत ने राहुल गांधी की तुलना 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना मचाडो से की, दोनों को संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का संघर्षरत बताया. भाजपा ने इसे खारिज कर राहुल गांधी पर देश विरोधी होने का आरोप लगाया है.

Nobel Peace Prize 2025: कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह राजपूत ने शुक्रवार को राहुल गांधी और 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो की तुलना की. उन्होंने कहा कि जैसे मचाडो अपने देश में संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष कर रही हैं, वैसे ही भारत में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी देश के संविधान को बचाने के लिए लड़ रहे हैं.
राजपूत ने यह बात एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से कही. उन्होंने कहा कि इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला के विपक्षी नेता को संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की स्थापना के लिए दिया गया है. भारत में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी इसी दिशा में कार्यरत हैं और उन्हें भी इस सम्मान का हकदार माना जाना चाहिए.
इस बार का नोबल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्ष की नेता को मिला है संविधान की रक्षा करने के लिये।
— Surendra Rajput (@ssrajputINC) October 10, 2025
हिंदुस्तान 🇮🇳 के विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी देश के संविधान को बचाने की लड़ाई लड रहे है । pic.twitter.com/xcgfkJixlZ
नोबेल समिति ने मचाडो को दिया पुरस्कार
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने शुक्रवार को घोषणा की कि 58 वर्षीय मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाएगा. समिति ने बताया कि मचाडो वेनेजुएला में शांति को बढ़ावा देने और वहाँ के लोगों को लोकतांत्रिक अधिकार दिलाने के लिए सम्मानित की गई हैं. वेनेजुएला वर्तमान में एक गंभीर मानवीय और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, और मचाडो विपक्ष को एकजुट करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.
मानवाधिकार अधिवक्ता जोर्गेन वाटने फ्राइडनेस की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा, "वेनेजुएला का सत्तावादी शासन राजनीतिक कार्य को कठिन बना देता है. मचाडो ने 20 साल से अधिक समय पहले स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए आवाज उठाई. वह ‘सुमाते’ नामक लोकतांत्रिक संगठन की संस्थापक हैं, जो लोकतांत्रिक विकास के लिए समर्पित है."
भाजपा की प्रतिक्रिया
वहीं, भारत में राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की निंदा करते रहे हैं. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह भारत के संविधान को कमजोर करने और देश के लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रही है. गांधी का दावा है कि वे संविधान और नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं.
भाजपा ने गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष भारत विरोधी ताकतों के एजेंट बन गए हैं. भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने देश के खिलाफ कई बार बयान दिए हैं और यह उनका स्वभाव बन गया है कि वे हर संभव मौके पर भारत की आलोचना करें.


