Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने फिर उठाया जातीय जनगणना का मुद्दा, ओबीसी को लेकर दिया ये बयान

Rahul Gandhi: चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "यह विचारधारा की लड़ाई है. एक तरफ गांधी तो दूसरी तरफ गोडसे हैं. एक तरफ नफरत, हिंसा और अहंकार है तो दूसरी तरफ मोहब्बत और भाईचारा है.

Manoj Aarya
Manoj Aarya

हाइलाइट

  • मध्य प्रदेश के शाजापुर में राहुल गांधी ने रैली को संबोधित किया.
  • रैली के दौरान उन्होंने फिर जातीगत जनगणना का मुद्दा उठाया.
  • एक तरफ गांधी तो दूसरी तरफ गोडसे हैं- राहुल गांधी

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक मैदान तैयार हो चुका है. राज्य की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव को जीतने की हरसंभव कोशिश में लगी है. बीजेपी ने अपने तीन केंद्रीय मंत्री सहित सात सांसदों को चुनावी मैदान में उतार दिया है. वहीं मध्य प्रदेश की सत्ता में वापस आने के लिए कांग्रेस लगातार जनसभाएं कर रही है. आज शनिवार, (30 सितंबर) को राहुल गांधी मध्य प्रदेश के शाजापुर में एक रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की शिवराज सरकार पर जमकर हमला किया.

चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "यह विचारधारा की लड़ाई है. एक तरफ गांधी तो दूसरी तरफ गोडसे हैं. एक तरफ नफरत, हिंसा और अहंकार है तो दूसरी तरफ मोहब्बत और भाईचारा है. इस दौरान मीडिया पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि प्रेस वाले हमारी मीटिंग नहीं दिखाएंगे."

आरएसएस बनाते हैं कानून

पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी कहते हैं कि बीजेपी में ओबीसी के सांसद और विधायक हैं. लेकिन मैं आपसे कहना चाहूंगा कि वर्तमान समय में चार राज्यों में हमारी सरकार है और कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्री ओबीसी हैं. आप संसद में चले जाइए और बीजेपी के विधायक और एमपी से पूछ लीजिए कि कानून बनाने से पहले आपसे कुछ पूछा जाता है क्या. वे कहेंगे हमसे नहीं पूछा जाता. कानून आरएसएस वाले बनाते हैं.

'90 में से सिर्फ तीन ओबीसी अफसर'

अपने भाषण में उन्होंने आगे कहा कि 90 अफसर कानून बनाते हैं, देश चलाते हैं. यही लोग सारी चीजें तय करते हैं. बीजेपी की 10 साल से सरकार है 90 अफसर सरकार चला रहे हैं. इन 90 अफसरों में से ओबीसी कितने हैं. ओबीसी की आबादी कितनी है अभी यही नहीं पता, ऐसा इसलिए क्योंकि जातिगत जनगणना नहीं हुई है. इनकी आबादी करीब पचास फिसदी है और 90 में से सिर्फ तीन अफसर ही ओबीसी हैं. तीन साल पहले तो एक भी ओबीसी अफसर नहीं थे.

जातीय जनगणना के मुद्दे को फिर उठाया

इस रैली में उन्होंने जातिगत जनगणना के मुद्दे को एक बार फिर उठाया. उन्होंने बार-बार ओबीसी की सही आबादी का पता न होने की बात कहते हुए कहा कि अब वह समय आ गया है जब हमें हिंदुस्तान का एक्सरे करना है. ये पता लगाना है कि ओबीसी की आबादी कितनी है. हमारी सरकार आई तो पहला काम ये करके दिखाएंगे.

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30 September 2023, 03:55 PM IST

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