देश के कई राज्यों में बारिश का कहर, यूपी के 17 जिलों में बाढ़, अब तक 12 की मौत, बिहार-हिमाचल में भी बढ़ा खतरा
उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित है. गंगा और यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर पर है. प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन फिलहाल बाढ़ से तत्काल राहत की संभावना कम है.

उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. गंगा और यमुना नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसका असर प्रयागराज से लेकर बंगाल की खाड़ी तक देखा जा रहा है. मध्य प्रदेश की सहायक नदियों से आने वाला अतिरिक्त पानी यूपी-बिहार में गंगा और यमुना के जलस्तर को लगातार ऊंचा कर रहा है.
बाढ़ की चपेट में यूपी के 17 जिले
यूपी के 17 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. इसमें से 16 जिले ऐसे हैं, जिनपर गंगा-यमुना का कहर बरपा है. यूपी प्रयागराज से बलिया तक गंगा के किनारे बसे इलाके डूब रहे हैं. प्रयागराज शहर के सलोरी, राजापुर, दारागंज, बघाड़ा जैसे इलाके डूब गए हैं. वहीं मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली, बलिया में भी हालात ठीक नहीं है लेकिन सबसे ज्यादा असर प्रयागराज में देखने को मिला है. जिस संगम नगरी में 7 महीने पहले पैर रखने की जगह नहीं थी, वहां अब सिर्फ पानी है. उत्तर-दक्षिण-पूरब-पश्चिम पूरा संगम क्षेत्र विशाल समंदर जैसा दिख रहा है. राज्य में अब तक बाढ़ से 12 लोगों की जान जा चुकी है।
प्रयागराज में हालात ज्यादा खराब
प्रयागराज में गंगा-यमुना के संगम के बाद जो इलाके आते हैं, वहां के हालात ज्यादा खराब हैं. संगम के बाद जब गंगा आगे बढ़ती है तो उसमें यमुना का पानी मिल चुका है और इन दिनों यमुना में मध्य प्रदेश और राजस्थान का भी पानी है. मिर्जापुर से बलिया तक गंगा की लहरें डरा रही हैं. प्रशासन अलर्ट मोड पर है, लोगों को सावधान रहने को कहा गया है.
यमुना किनारे वाले इलाके भी जलमग्न
यमुना किनारे वाले इलाके आगरा, इटावा, औरैया, हमीरपुर, कानपुर देहात, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट बाढ़ के चपेट में हैं. बांदा में केन नदी भी उफान पर है और केन नदी यमुना की सहायक नदी है. फतेहपुर में यमुना की लहरें सबकुछ डुबा रही हैं. कई सड़कें डूब चुकी हैं, जिले की तीनों तहसीलों में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जरूरी सामान का संकट हो गया है. बाढ़ की वजह से बिजली सप्लाई रोक दी गई है.
बाढ़ पीड़ितों के राहत पहुंचाने के लिए सीएम योग ने 11 मंत्रियों की टीम गठित की है. ये मंत्री अपने-अपने इलाकों में जाकर राहत बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं. मंत्री नंदगोपाल गुप्ता को प्रयागराज और मिर्जापुर की जिम्मेदारी मिली है.
बिहार में भी बिगड़ते हालात
बिहार के बक्सर, पटना, भोजपुर, सारण, भागलपुर और खगड़िया समेत कई जिलों में गंगा का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है. बक्सर में गंगा खतरे के निशान से केवल 2 सेमी नीचे है और हर घंटे 1 सेमी की रफ्तार से बढ़ रही है. रामरेखा घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुका है और कई निचले इलाकों में पानी घरों में घुस चुका है.
भविष्य की स्थिति क्या कहती है?
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आगामी दो दिनों में मध्य प्रदेश में भारी वर्षा नहीं होती है तो जलस्तर में गिरावट आ सकती है. केन और बेतवा नदियों में जल का दबाव कम हो रहा है. लेकिन यदि अगले 48 घंटों में फिर से भारी बारिश होती है, तो स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है.
प्रशासन की तैयारियां
राज्य सरकारों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की हैं. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. प्रशासन ने नागरिकों से नदियों और नालों के पास न जाने की अपील की है.
हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन
हिमाचल प्रदेश में भी बाढ़ और भूस्खलन के कारण 300 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं. मंडी और कुल्लू जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं. अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग लापता हैं. राज्य में अगले दो दिन भारी बारिश का अलर्ट है.
मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में स्थिति चिंताजनक
मध्य प्रदेश में विदिशा, भोपाल और ग्वालियर सहित कई जिलों में एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं. राजस्थान के अजमेर में भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं और स्थानीय प्रशासन सक्रिय है. गुजरात में सरदार सरोवर बांध के गेट खोलने से निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं.


