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राजनाथ सिंह का पाकिस्तान पर प्रहार, ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत का अधिकार

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को चीन के किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान पर खुलकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पूरी तरह वैधानिक, नैतिक और आतंकवाद के खिलाफ जरूरी कदम था.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को चीन के किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत का वैधानिक और नैतिक अधिकार था. सिंह ने SCO के अन्य सदस्य देशों से भी आग्रह किया कि वे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाएं और दोहरे मापदंडों से बचें.

राजनाथ सिंह ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' को आतंक के केंद्रों पर की गई "पूर्व-निर्धारित सर्जिकल कार्रवाई" बताया. उन्होंने कहा कि भारत ने यह ऑपरेशन पाकिस्तान की सरजमीं पर मौजूद आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करने और भविष्य के हमलों को रोकने के इरादे से शुरू किया था.

राजनाथ सिंह का बयान

राजनाथ सिंह ने SCO मंच से पाकिस्तान पर सीधा हमला करते हुए कहा कि कुछ देश आतंकवाद को अपनी नीति का औज़ार बनाकर न केवल सीमापार से आतंक फैलाते हैं, बल्कि आतंकियों को शरण भी देते हैं. ऐसे दोहरे मापदंडों के लिए इस संगठन में कोई जगह नहीं होनी चाहिए. SCO को ऐसे राष्ट्रों की आलोचना करने से नहीं हिचकना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कायम है और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं करेगा.

भारत का स्पष्ट संदेश

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने बार-बार साबित किया है कि अब आतंकवाद के गढ़ कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. यदि हमारी सीमाओं के बाहर से खतरा आता है, तो हम उसका जवाब देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भारत युवाओं में कट्टरता फैलने से रोकने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है. उन्होंने SCO के "RATS मैकेनिज्म" की तारीफ करते हुए इसे क्षेत्र में कट्टरता और आतंकवाद से निपटने के लिए एक प्रभावी माध्यम बताया.

भारत के लिए SCO में अहम भूमिका

राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत ने SCO की अध्यक्षता के दौरान आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद से निपटने के लिए संयुक्त बयान जारी किया, जो संगठन की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा, कि हमें व्यापार, आर्थिक सहयोग और संपर्क को बढ़ावा देने के साथ-साथ क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करना चाहिए.

चीन में राजनाथ की मौजूदगी कई मायनों में अहम

राजनाथ सिंह 27 जून तक चलने वाली SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए चीन में हैं. यह 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद मोदी कैबिनेट के किसी वरिष्ठ मंत्री की पहली चीन यात्रा है. बैठक से पहले सभी सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों— जिनमें पाकिस्तान, चीन, रूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं — ने एक साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई. मंत्रालय ने बताया कि राजनाथ सिंह इस दौरे में चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से द्विपक्षीय वार्ता भी कर सकते हैं, जिसका उद्देश्य भारत-चीन सैन्य हॉटलाइन को फिर से शुरू करना है.

रक्षा मंत्रालय का बयान

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, भारत SCO के सिद्धांतों और उद्देश्यों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है. भारत क्षेत्र में आतंकवाद और उग्रवाद के समूल नाश के लिए संयुक्त, ठोस और समन्वित प्रयासों की वकालत करता है. साथ ही भारत का दृष्टिकोण है कि SCO देशों के बीच व्यापार, आर्थिक सहयोग और संपर्क को भी मजबूत किया जाए.

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26 June 2025, 09:07 AM IST

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