Rajnath Singh: हिंद-प्रशांत में सुपर पावर बनने के लिए क्षमता बढ़ा रही है नौसेना, INS संध्याक के कमीशनिंग समारोह में बोले राजनाथ सिंह
Rajnath Singh: नौसेना के बेड़े में शनिवार को INS संध्याक को शामिल किया गया. यह एक ऐसा जंगी जहाज है, जो समंदर के खतरों से लड़ने में माहिर हैं. इस पर बोफोर्स गन लगी है. ये वॉरशिप पानी में दौड़ेगी तो दुश्मन की सांसें रुक जाएंगी.
Defence Minister Rajnath Singh: नौसेना के बेड़े में शनिवार को INS संध्याक को शामिल किया गया. यह एक ऐसा जंगी जहाज है, जो समंदर के खतरों से लड़ने में माहिर हैं. इस पर बोफोर्स गन लगी है. ये वॉरशिप पानी में दौड़ेगी तो दुश्मन की सांसें रुक जाएंगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने INS संध्याक के कमीशनिंग समारोह में शामिल हुए. उन्होंने इस समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि, "भारतीय नौसेना के लिए, आज का दिन ऐतिहासिक है. INS संधायक का हमारी नौसेना में शामिल होना, निश्चित रूप से हमारी नौसेना की, इस पूरे क्षेत्र में शांति व सुरक्षा को बनाए रखने में सहायता करेगा. मैं भारतीय नौसेना को INS संधायक प्राप्त होने की बधाई देता हूं."
कार्यक्रम में शामिल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "जैसे-जैसे विकास के क्रम में वह देश विकसित होने की ओर अग्रसर होता है, वैसे-वैसे उस देश के अंदर यह क्षमता आने लगती है, कि वह अपनी सुरक्षा खुद से करने में सक्षम हो जाता है और इसके बाद हमें तीसरी स्टेज भी देखने को मिलती है, जब वह देश इतना शक्तिशाली हो जाता है, कि वह अपनी सुरक्षा तो करता ही है, साथ ही साथ अपने मित्र राष्ट्र की सुरक्षा करने में भी सक्षम हो जाता
'कई प्रकार से सक्षम है ये जहाज'
राजनाथ सिंह ने कहा, जब कोई देश अपने विकास के शुरुआती चरण में होता है, तो वह अपनी सुरक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता है. चाहे वह किसी संधि के माध्यम से दूसरे देश पर निर्भर रहे, या फिर हथियारों के आयात के माध्यम से दूसरे देशों पर निर्भर रहे. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, नौसेना का पहला एसवीएल (सर्वेक्षण पोत बड़ा) श्रेणी का जहाज आईएनएस संधायक सुरक्षित नेविगेशन को सक्षम करने के लिए बंदरगाहों, नौवहन चैनलों, तटीय क्षेत्रों और गहरे समुद्रों का हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करेगा. जहाज कई प्रकार के नौसैनिक अभियानों में भी सक्षम है.
महासागर के बारे में जानने के बाद रणनीति बनाने में होगा फायदा
यह जहाज एसवीएल परियोजना के तहत देश में बनाए जा रहे चार जहाजों में से पहला है. इसका विस्थापन 3,400 टन, लंबाई 110 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है. अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि सागर विशाल है. जितना अधिक हम इसके तत्वों का पता लगाएंगे, उतना अधिक हमारा ज्ञान बढ़ेगा, और हम मजबूत होंगे... जितना अधिक हम महासागर के बारे में जानेंगे, उतना ही अधिक सार्थक रूप से हम अपने रणनीतिक हितों को पूरा करने में सक्षम होंगे.