सोना तस्करी केस में रान्या राव के 'IPS पिता' पर गिरी गाज, तत्काल प्रभाव से 'अनिवार्य अवकाश' पर भेजा
Ranya Rao Gold smuggling Case: सोना तस्करी मामले में कर्नाटक सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डीजीपी स्तर के अधिकारी और अभिनेत्री रान्या राव के सौतेले पिता रामचंद्र राव को तत्काल प्रभाव से "अनिवार्य अवकाश" पर भेज दिया है. इस बीच, रान्या राव ने डीआरआई पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें हिरासत में मारपीट और जबरन हस्ताक्षर कराने का दावा शामिल है.

Ranya Rao Gold smuggling Case: कर्नाटक सरकार ने सोना तस्करी के मामले में अभिनेत्री रान्या राव के सौतेले पिता रामचंद्र राव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. सरकार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से "अनिवार्य अवकाश" पर भेजने की घोषणा की है. यह कदम तब उठाया गया जब मामले की गंभीरता बढ़ती गई और आरोपी अभिनेत्री ने भी कई चौंकाने वाले आरोप लगाए. इस बीच, कर्नाटक सरकार ने एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के.वी. शरथ चंद्रा को कर्नाटक राज्य पुलिस आवास एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड, बेंगलुरु का नया अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नियुक्त कर दिया है. यह पद पहले रामचंद्र राव के पास था.
मुख्य आरोपी हर्षवर्धिनी रान्या उर्फ रान्या राव ने राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि हिरासत के दौरान उनके साथ मारपीट की गई और जबरन खाली व टाइप किए हुए कागजातों पर हस्ताक्षर करवाए गए. रान्या ने 6 मार्च को डीआरआई के अतिरिक्त महानिदेशक को पत्र लिखकर यह भी कहा कि उन पर 14 किलो से अधिक सोना ले जाने का झूठा आरोप लगाया गया है.
चेहरे पर 10 से 15 बार थप्पड़ मारने का आरोप
रान्या राव का कहना है कि उन्हें निर्दोष होने की सफाई देने तक का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया, "आपके अधिकारियों ने मुझे यह बताने की अनुमति नहीं दी कि मैं इस मामले में निर्दोष हूं." अभिनेत्री ने यह भी दावा किया कि जब तक उन्हें अदालत में पेश नहीं किया गया, तब तक उनके चेहरे पर 10 से 15 बार थप्पड़ मारे गए.
अदालत ने जमानत देने से किया इनकार
शनिवार को अदालत ने अभिनेत्री की जमानत याचिका खारिज कर दी. डीआरआई ने अदालत में कहा कि इस सोना तस्करी रैकेट में कर्नाटक पुलिस के प्रोटोकॉल अधिकारी का भी इस्तेमाल किया गया था. डीआरआई के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक रान्या 27 बार दुबई की यात्रा कर चुकी हैं, जिससे तस्करी के इस मामले में उनकी संलिप्तता को लेकर संदेह और गहरा गया है.
तस्करी के सिंडिकेट का खुलासा
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि इस रैकेट में परिष्कृत तरीके अपनाए गए थे. डीआरआई के अनुसार,
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राज्य पुलिस के प्रोटोकॉल अधिकारी का इस्तेमाल सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने के लिए किया गया.
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हवाला के जरिए भारत से दुबई पैसा भेजकर सोने की खरीदारी की गई.
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यह मामला एक बड़े तस्करी सिंडिकेट से जुड़ा हो सकता है.
सरकार और जांच एजेंसियों की कड़ी कार्रवाई के चलते अब यह देखना होगा कि इस हाई-प्रोफाइल तस्करी मामले में आगे और कौन-कौन से बड़े नाम सामने आते हैं.