9 महीने पहले हुआ रेप, अब स्कूल के टॉयलेट में दिया बच्चे को जन्म, कर्नाटक से सामने आया चौंकाने वाला मामला
कर्नाटक के शाहपुर तालुका के सरकारी आवासीय विद्यालय में 17 वर्षीय छात्रा ने शौचालय में बच्चे को जन्म दिया. पुलिस ने 28 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार किया और पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया. स्कूल प्रशासन की लापरवाही के लिए चार कर्मचारियों को निलंबित किया गया. छात्रा की काउंसलिंग होगी ताकि पूरी घटना का खुलासा हो.

sexual harassment: कर्नाटक के शाहपुर तालुका में स्थित एक सरकारी आवासीय विद्यालय में एक 17 वर्षीय छात्रा ने स्कूल के शौचालय में बच्चे को जन्म दिया. इस घटना से स्थानीय लोग हैरान हैं. सूचना पाकर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. यह घटना हाल ही में तब सामने आई जब कक्षा 9 की यह छात्रा स्कूल के समय अचानक प्रसव पीड़ा से गुजरने लगी. उसकी सहपाठियों ने उसे दर्द में तड़पते देखा और तुरंत स्कूल प्रशासन को सूचना दी.
स्कूल प्रशासन ने तुरंत नाबालिग छात्रा और उसके नवजात शिशु को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों ने दोनों की हालत स्थिर बताई है. पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और पता चला कि छात्रा पूर्ण गर्भावस्था में थी. उसने बताया कि लगभग नौ महीने पहले एक अज्ञात व्यक्ति ने उसका यौन उत्पीड़न किया था. तनाव और डर के कारण वह पहले इस घटना का खुलासा नहीं कर पाई थी. उसने बताया कि शौचालय में अचानक तेज दर्द हुआ और उसने वहीं बच्चे को जन्म दे दिया.
आरोपी की गिरफ्तारी
पुलिस जांच के बाद 28 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जिसे इस मामले का मुख्य आरोपी माना जा रहा है. जिला बाल संरक्षण अधिकारी की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. इसके अलावा, स्कूल प्रशासन की लापरवाही के लिए हॉस्टल वार्डन, प्रिंसिपल, स्टाफ नर्स और छात्रा के भाई के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया, क्योंकि उन्होंने इस घटना की समय पर सूचना नहीं दी.
स्कूल प्रशासन पर सवाल
पुलिस ने पाया कि छात्रा की गर्भावस्था के बारे में स्कूल प्रशासन को कोई जानकारी नहीं थी, और न ही उन्होंने इसकी सूचना दी. हॉस्टल वार्डन गीता सलीमानी ने दावा किया कि उन्हें गर्भावस्था का कोई अंदाजा नहीं था. प्रिंसिपल बसम्मा पाटिल ने भी कहा कि छात्रा में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखे और उसकी वैवाहिक स्थिति भी अस्पष्ट थी. पुलिस ने यह भी बताया कि छात्रा शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से ही स्कूल में अनियमित थी.
कर्मचारियों पर कार्रवाई
कर्नाटक आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसायटी (केआरईआईएस) ने इस मामले में लापरवाही बरतने के लिए प्रिंसिपल, हॉस्टल वार्डन और दो अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर दिया. अधिकारियों ने कहा कि जब छात्रा पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगी, तब उसकी काउंसलिंग की जाएगी ताकि घटना के पूरे विवरण और आरोपी के साथ उसके संबंधों का पता लगाया जा सके. यह घटना स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा और निगरानी की कमी को उजागर करती है.


