आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक आज, क्या होगी रेपो रेट में कटौती?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज हो रही है, जिसमें रेपो रेट को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है. यह बैठक इसलिए अहम है क्योंकि देश में बढ़ती महंगाई और विकास दर को संतुलित करने के लिए ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जताई जा रही है. अगर आरबीआई दरों में कमी करता है, तो इसका सीधा फायदा आम जनता को हो सकता है और लोन सस्ते हो सकते हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की महत्वपूर्ण बैठक आज समाप्त होगी, जिसमें लिए गए निर्णयों की घोषणा शुक्रवार सुबह की जाएगी. आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुआई में हो रही इस बैठक से आम जनता को बड़ी उम्मीदें हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक पांच साल के अंतराल के बाद रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर सकता है. वर्तमान में रेपो रेट 6.50% पर स्थिर है, जिससे ब्याज दरें ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं.
अगर आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है, तो इससे होम लोन, कार लोन और अन्य लोन सस्ते हो सकते हैं. वहीं, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक हालात को देखते हुए इस बार भी दरों में कोई बदलाव नहीं हो सकता.
क्या है रेपो रेट में बदलाव की संभावना?
आरबीआई ने पिछली बार मई 2020 में कोरोना महामारी के दौरान रेपो रेट को 0.40% घटाकर 4% किया था. इसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए मई 2022 से रेपो रेट बढ़ाना शुरू किया गया, जो फरवरी 2023 में आकर 6.50% पर स्थिर हो गया. अब सवाल यह है कि क्या इस बार आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा?
विशेषज्ञों की राय
डीबीएस ग्रुप रिसर्च की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव के अनुसार, "हमें उम्मीद है कि एमपीसी 0.25% की कटौती कर रेपो रेट को 6.25% करने के पक्ष में मतदान करेगी." वहीं, बैंक ऑफ अमेरिका ग्लोबल रिसर्च का कहना है कि भारत की आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के हालात दर्शाते हैं कि मौद्रिक नीति में नरमी की जरूरत है. इसलिए इस बार ब्याज दर में कटौती की संभावना जताई जा रही है.
क्या कह रहे हैं भारतीय बैंकिंग सेक्टर के जानकार?
उद्योग संगठन एसोचैम और एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.25% की कटौती की उम्मीद की जा रही है. इससे कर्ज लेने वालों को राहत मिलेगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, यस सिक्योरिटीज के कार्यकारी निदेशक अमर अंबानी की राय इससे अलग है. उनका कहना है, "वैश्विक परिस्थितियां इस समय ब्याज दरों में कटौती के अनुकूल नहीं हैं. हमें इस बैठक में दरों में बदलाव की उम्मीद नहीं है."
रेपो रेट में कटौती से क्या होगा असर?
होम लोन और कार लोन हो सकते हैं सस्ते
इंडस्ट्री और व्यापारिक सेक्टर को राहत
महंगाई पर नियंत्रण के प्रयास होंगे मजबूत
बचत पर मिलने वाले ब्याज दरों पर असर संभव
अब देखना यह होगा कि आरबीआई इस बार क्या फैसला करता है और इसका असर आम आदमी की जेब पर कैसा पड़ता है.


