बीफ खिलाया, कमर-पैरों में डाल दी गई बेड़ियां... अमेरिका से जबरन लौटाए गए लोगों ने सुनाया दर्दनाक दास्तान
अमेरिका से जबरन वापस भेजे गए लोगों ने वहां अपनी आपबीती सुनाई, जिसे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाए. बेहतर भविष्य की तलाश में अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे इन लोगों को हिरासत में लिया गया, जहां उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया. किसी को खाने के लिए बीफ दिया गया, तो किसी को 12 दिनों तक सिर्फ स्नैक्स खाकर गुजारा करना पड़ा. कमर और पैरों में बेड़ियां डाल दी गईं, यहां तक कि विमान से भारत भेजने से पहले भी उन्हें हथकड़ी पहनाई गई.

अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश में गिरफ्तार किए गए भारतीयों की आपबीती दिल दहला देने वाली है. बेहतर भविष्य की तलाश में खतरनाक सफर पर निकले लोगों को वहां जो यातनाएं झेलनी पड़ीं, उसे याद कर उनकी आंखें छलक उठती हैं. अमेरिका से जबरन लौटाए गए सुखपाल सिंह और लवप्रीत कौर जैसे लोगों ने जो अनुभव साझा किए, वह अविश्वसनीय और भयावह हैं. हिरासत में रखे जाने के दौरान उन्हें अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ा. यहां तक कि उन्हें खाने के लिए बीफ परोसा गया, जिसे खाने से उन्होंने इनकार कर दिया और सिर्फ स्नैक्स खाकर गुजारा किया.
12 दिन सिर्फ स्नैक्स खाकर गुजारा
होशियारपुर, पंजाब के रहने वाले सुखपाल सिंह ने बताया कि अमेरिका में हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें एक कैंप में रखा गया. वहां खाने के लिए बीफ और स्नैक्स दिए जाते थे. चूंकि वह बीफ नहीं खाते थे, इसलिए 12 दिनों तक सिर्फ स्नैक्स खाकर ही रहना पड़ा. हिरासत में उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और उन्हें किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता नहीं दी गई.
कमर और पैरों में डाल दी गईं बेड़ियां
सुखपाल सिंह ने बताया कि जब उन्हें भारत डिपोर्ट करने की बारी आई तो उनके हाथों में हथकड़ियां डाल दी गईं और कमर से पैरों तक बेड़ियां लगा दी गईं. इस दौरान किसी को भी अपनी सीट से हिलने की अनुमति नहीं थी. यहां तक कि शौचालय का उपयोग करने पर भी सख्त पाबंदी थी. अमेरिका से रवाना होने के बाद जब विमान अमृतसर पहुंचा, तभी बेड़ियां हटाई गईं और उन्हें पहली बार ठीक से खाना मिला.
“हमें नहीं पता था कि हम भारत जा रहे हैं।अमेरिका से भारत आने तक हमारे हाथ और पैरों पर बेड़ियां लगी थीं।भारत पहुँच कर बेड़ियां खोली गई”
— Vinod Kapri (@vinodkapri) February 6, 2025
-जसपाल सिंह ( अमेरिका से डिपोर्ट किए गए की कहानी )
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ट्रैवल एजेंट ने लिया 30 लाख, फिर भी झेलनी पड़ी यातनाएं
सुखपाल ने बताया कि वह पहले इटली में शेफ के तौर पर काम कर चुके हैं. बेहतर जीवन की उम्मीद में उन्होंने अमेरिका जाने का फैसला किया और एक ट्रैवल एजेंट को 30 लाख रुपये दिए, जिसने उन्हें सुरक्षित अमेरिका पहुंचाने का दावा किया था. मगर इसके बजाय, उन्हें निकारागुआ ले जाया गया और फिर वहां से होंडुरस, ग्वाटेमाला और मेक्सिको होते हुए अमेरिका पहुंचाने की कोशिश की गई.
खतरनाक सफर में गई साथी यात्री की जान
सुखपाल ने बताया कि अमेरिका पहुंचने के लिए उन्हें मेक्सिको से कैलिफोर्निया की सीमा तक समुद्र के रास्ते एक छोटी नाव से 12 घंटे की कठिन यात्रा करनी पड़ी. इस दौरान उनके एक साथी यात्री की डूबकर मौत हो गई. जैसे ही वे अमेरिकी सीमा में दाखिल हुए, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और शिविर में डाल दिया गया.
"बेटे के साथ 25 दिनों तक सहनी पड़ी यातनाएं"
कपूरथला के भुलत्थ की रहने वाली लवप्रीत कौर ने भी अमेरिका जाने के लिए जानलेवा सफर तय किया. वह अपने 10 वर्षीय बेटे के साथ निकली थीं और ट्रैवल एजेंट को 1 करोड़ रुपये दिए थे. मगर उन्हें भी विभिन्न देशों में घुमाया गया और आखिरकार अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया. हिरासत में उनके गहने, चूड़ियां और कान की बालियां तक उतरवा ली गईं. पांच दिन कैंप में रहने के बाद उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया. 2 फरवरी को पुलिस ने उनके हाथों में हथकड़ियां डाल दीं और पैरों में बेड़ियां डालकर भारत भेज दिया. हालांकि, उनके बच्चे के साथ ऐसा नहीं किया गया.
#WATCH होशियारपुर, पंजाब: अमेरिका में अवैध रूप से प्रवास करने वाले एक भारतीय नागरिक ने बताया, "...मुझे झूठ बोला गया था कि मुझे वैध तरीके से भेजा जाएगा, लेकिन मुझे 'डंकी' के रास्ते भेजा गया... मुझे रास्ते में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा... मुझे अमेरिकी सीमा पर 20 दिनों… pic.twitter.com/ET0XlcL9xW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 6, 2025
"शौचालय जाने के लिए ही हथकड़ियां खोली जाती थी"
पीलीभीत के रहने वाले गुरप्रीत सिंह भी इस दर्दनाक यात्रा का हिस्सा रहे. उन्होंने ट्रैवल एजेंट को 22 लाख रुपये दिए थे, लेकिन अमेरिका पहुंचने से पहले ही गिरफ्तार हो गए. वह 22 दिन अमेरिकी सैनिकों की हिरासत में रहे. गुरप्रीत ने बताया कि उन्हें विमान में 104 अन्य भारतीयों के साथ बेड़ियों में जकड़कर बिठाया गया था. खाने में सिर्फ सैंडविच और जूस दिया जाता था और शौचालय जाने के लिए ही हथकड़ियां खोली जाती थी.
अवैध प्रवासियों की दुर्दशा
अमेरिका से हाल ही में चीन और कंबोडिया के अवैध प्रवासियों को भी डिपोर्ट किया गया, लेकिन उनके देश ने उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया. ऐसे में वे लोग अभी भी अमेरिका में फंसे हुए हैं.
वीजा समाप्त होने के बाद इंग्लैंड से निकाला गया
कई भारतीयों ने बताया कि वे इंग्लैंड में रह रहे थे, लेकिन वीजा समाप्त होने के कारण उन्हें वहां से बाहर निकाल दिया गया. इसी वजह से उन्होंने अमेरिका पहुंचने की योजना बनाई थी. हालांकि, अवैध रूप से अमेरिका जाने का यह खतरनाक फैसला उनकी जिंदगी के सबसे बुरे अनुभवों में से एक बन गया.


