दिवाली से पहले धड़ाम हुई IRCTC वेबसाइट और ऐप, हजारों यात्री टिकट बुकिंग से रहे वंचित
दिवाली की भीड़ से ठीक पहले IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप क्रैश हो गई। इस वजह से यात्री ऑनलाइन टिकट बुक नहीं कर पाए और टत्काल बुकिंग घंटों में हाहाकार मच गया।

National News: भारत अपने सबसे व्यस्त यात्रा सीजन के लिए तैयार हो ही रहा था कि उसी समय IRCTC का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अचानक ठप हो गया। न वेबसाइट चली और न ही मोबाइल ऐप। हजारों लोग टिकट बुक करने के लिए एक साथ जुड़े तो पूरा सिस्टम बैठ गया। दिवाली पर ट्रेन से घर जाने का सपना देख रहे परिवारों के लिए यह सिर्फ असुविधा नहीं बल्कि पूरा प्लान टूट जाने जैसा था। इस गड़बड़ी ने साफ कर दिया कि रेलवे सिस्टम अब डिजिटल सेवाओं पर कितना निर्भर हो गया है, जो त्योहारों में किसी भी हालत में बंद नहीं होना चाहिए। अचानक आई इस रुकावट से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई और लोग दूसरे विकल्प खोजने को मजबूर हो गए।
तत्काल बुकिंग बनी यात्रियों की मुसीबत
सबसे बड़ी दिक्कत तत्काल बुकिंग के समय हुई। जैसे ही तत्काल टिकट खुलने का समय हुआ, सिस्टम तुरंत क्रैश हो गया। यात्रियों को सिर्फ एरर मैसेज और खाली स्क्रीन ही दिखाई दी। जब तक वेबसाइट और ऐप दोबारा चलने लगे, ज्यादातर ट्रेनों की सीटें भर चुकी थीं। नतीजा यह हुआ कि अनगिनत लोग बिना टिकट फंसे रह गए। जिस सेवा को लोगों के लिए सहारा बनना चाहिए था, वही सेवा उनके लिए एक बुरा सपना बन गई।
अधिकारियों का दावा, जल्दी ठीक होगा
IRCTC अधिकारियों ने माना कि प्लेटफॉर्म में गंभीर तकनीकी खराबी आई है। उन्होंने कहा कि उनकी इंजीनियरों की टीम चौबीसों घंटे इसे सुधारने में जुटी है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि सेवा कब तक सामान्य होगी। यात्रियों को यह आश्वासन ज्यादा राहत नहीं दे पाया। नाराज़ लोगों ने सोशल मीडिया पर गुस्सा उतारा और कहा कि IRCTC ने पहले से ही त्योहारों में ट्रैफिक बढ़ने की तैयारी क्यों नहीं की। अब अधिकारियों पर दबाव है कि जल्द से जल्द असली समाधान निकाला जाए।
यात्रियों का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूटा
सोशल मीडिया पर यात्रियों ने “साइट डाउन” और “एरर” के स्क्रीनशॉट्स शेयर किए। IRCTC को ट्रोल करते हुए हैशटैग ट्रेंड करने लगे। किसी ने लिखा कि उनकी मनचाही ट्रेन छूट गई, तो किसी ने कहा कि उन्होंने घंटों बर्बाद कर दिए। यह नाराज़गी दिखाती है कि कितने करोड़ों लोग ऑनलाइन बुकिंग पर भरोसा करते हैं। जब यह सिस्टम फेल होता है तो नाराज़गी सिर्फ टिकट तक सीमित नहीं रहती, बल्कि राष्ट्रीय सेवाओं पर से लोगों का भरोसा भी टूटता है।
त्योहारों पर बार-बार होने वाली दिक्कत
यह पहली बार नहीं है जब IRCTC त्योहारों में ऐसी समस्या से जूझा हो। हर साल जब त्योहारों पर बुकिंग बढ़ती है, सिस्टम धीमा पड़ जाता है या ठप हो जाता है। इसके बावजूद सर्वर अपग्रेड या क्षमता बढ़ाने पर खास ध्यान नहीं दिया गया। बार-बार की नाकामी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जनता का भरोसा कमजोर कर दिया है। लोगों का कहना है कि सरकार को तुरंत मजबूती पर काम करना चाहिए ताकि यह परेशानी हर साल दोहराई न जाए।
फंसे यात्रियों के लिए सलाह
जब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने साथ छोड़ दिया तो यात्रियों को पुराने तरीकों का सहारा लेना पड़ा। रेलवे काउंटर, अधिकृत एजेंट और हेल्पलाइन ही विकल्प बचे। ये तरीके आसान नहीं हैं लेकिन चल रहे थे। यात्रियों से कहा गया कि वे IRCTC की घोषणाओं पर नजर रखें और अपडेट का इंतजार करें। मगर कई लोगों को यह लगा जैसे उन्हें सालों पीछे धकेल दिया गया हो, जब टिकट के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ता था।
त्योहार पर ढह गई डिजिटल टिकटिंग व्यवस्था
इस गड़बड़ी ने यात्राओं से ज्यादा बड़े सवाल खड़े कर दिए। अगर देश का इतना अहम डिजिटल प्लेटफॉर्म त्योहार की भीड़ नहीं झेल सकता, तो तैयारी पर सवाल उठते हैं। हर दिन लाखों लोग IRCTC पर निर्भर रहते हैं और ऐसी नाकामी उनका भरोसा हिला देती है। दिवाली पर आई यह दिक्कत दिखाती है कि तकनीक जितनी मददगार है उतनी ही कमजोर भी है। जब तक सिस्टम मजबूत नहीं होगा, डिजिटल सुविधा का वादा भारी दबाव में बार-बार टूटता रहेगा और लोग सबसे ज़रूरी समय पर परेशानी झेलते रहेंगे।


