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शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, ISS पर सफलतापूर्वक डॉक हुआ Axiom-4 मिशन

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है. वह जिस एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 Mission) का हिस्सा हैं, उसका स्पेसक्राफ्ट सफलतापूर्वक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर डॉक कर गया है. इस बड़ी उपलब्धि के साथ भारत ने एक बार फिर अंतरिक्ष की दुनिया में अपना परचम लहराया है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान रच दिया है. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. एक्सिओम स्पेस के मिशन एक्स-4 (Axiom-4) के तहत शुभांशु ने अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरने के 28 घंटे बाद अंतरिक्ष स्टेशन के हार्मनी मॉड्यूल से सफलतापूर्वक डॉकिंग की.

इस ऐतिहासिक क्षण ने भारत को 41 साल बाद दोबारा मानव अंतरिक्ष मिशन की पंक्ति में ला खड़ा किया है. इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष की यात्रा की थी. शुभांशु की यह उपलब्धि केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बन गई है.

28 घंटे बाद सफलतापूर्वक हुआ डॉकिंग

Axiom-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला समेत चार सदस्यीय दल ने स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान से यात्रा की. अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन इस मिशन की कमांडर हैं, जबकि पोलैंड से सावोज़ उज्नास्की और हंगरी से टिबोर कापू मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में साथ हैं. गौर करने वाली बात यह है कि यह पहली बार है जब पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी ISS पहुंचे हैं.

'स्पेस से नमस्कार' ने छू लिया देश का दिल

डॉकिंग से पहले शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से एक भावुक संदेश भेजते हुए कहा कि स्पेस से नमस्कार! यह एक अविश्वसनीय अनुभव है, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है. मैं 1.4 अरब भारतीयों की उम्मीदों को अपने कंधों पर लेकर आया हूं. यह केवल मेरी नहीं, हम सभी की उपलब्धि है.

शून्य गुरुत्वाकर्षण में सीख रहे हैं उड़ना

अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा को लेकर शुक्ला ने मज़ाकिया लहजे में बताया कि, लगता है मैं यहां बहुत सो रहा हूं! अभी जीरो ग्रैविटी के माहौल में खुद को संभालना सीख रहा हूं, जैसे कोई बच्चा चलना सीख रहा हो. कभी खुद गड़बड़ करता हूं, कभी दूसरों को देखकर मज़ा आता है. हर पल रोमांचक और अविश्वसनीय है.”

14 दिन रहेंगे ISS पर

Ax-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिन बिताएगी. इस दौरान वे कैंसर रिसर्च, डीएनए रिपेयर और उन्नत निर्माण तकनीकों पर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे. यह Axiom स्पेस का अब तक का सबसे बड़ा अनुसंधान मिशन माना जा रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दीं और इसे भारत के वैश्विक अंतरिक्ष नेतृत्व की दिशा में एक बड़ा कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षमता और वैज्ञानिक सहयोग का प्रमाण है.

एक नई शुरुआत, एक नया इतिहास

शुभांशु शुक्ला की यह अंतरिक्ष यात्रा सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है. यह मिशन न केवल भारत की अंतरिक्ष वैज्ञानिक शक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विज्ञान की सीमाओं को एक साथ जोड़ने वाला सेतु भी है.

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26 June 2025, 04:09 PM IST

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