भारत को मिलेगा निर्यात में बूस्ट! 2030 तक 2,000 अरब डॉलर का टारगेट तय - वित्तमंत्री
भारत के वैश्विक व्यापार को लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की बातचीत अपने आखिरी पड़ाव पर है.

भारत की निर्यात नीति को लेकर एक बड़ा और सकारात्मक संकेत वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सामने आया है. उन्होंने मंगलवार को स्पष्ट किया कि अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) पर बातचीत अब अंतिम चरण में है. यदि यह समझौता सफल होता है, तो भारत 2030 तक करीब 172 लाख करोड़ रुपये (2,000 अरब डॉलर) के निर्यात लक्ष्य को छू सकता है.
दिल्ली में आयोजित आयात-निर्यात बैंक के एक कार्यक्रम में बोलते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि भारत अब फोकस के साथ मुक्त व्यापार समझौतों की दिशा में बढ़ रहा है और बीते वर्षों में इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है ताकि निर्यातक दुनिया भर के नए बाजारों में भारतीय उत्पादों को पहुंचा सकें.
अमेरिका और EU से जल्द तय होगा समझौता
वित्तमंत्री ने बताया कि भारत पहले ही UAE, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के चार देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर चुका है. वहीं ब्रिटेन के साथ वार्ता पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ वार्ता काफी तेज़ी से आगे बढ़ रही है. हमें भरोसा है कि बहुत जल्द इस पर ठोस नतीजा सामने आएगा. इससे भारत, अमेरिका और यूरोप तीनों को फायदा होगा.
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारत का निर्यात
सीतारमण ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का कुल वस्तु और सेवा निर्यात 825 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6% अधिक है. वैश्विक निर्यात जहां सिर्फ 4% बढ़ा, वहीं भारत की ग्रोथ 6.3% रही है. उन्होंने इसे भारत की नीति, लचीलापन और निर्यातकों की मेहनत का नतीजा बताया.
नवाचार और नए बाजारों पर जोर
वित्तमंत्री ने निर्यातकों से अपील करते हुए कहा कि वे नवाचार को प्राथमिकता दें और पारंपरिक बाजारों से आगे बढ़कर नए आयाम तलाशें. उन्होंने कहा, 'हम निर्यातकों को हरसंभव सहायता देंगे, लेकिन उन्हें भी अपनी रणनीति में इनोवेशन और डायवर्सिफिकेशन को शामिल करना होगा.'
भारत बना वैश्विक अस्थिरता में स्थिरता की मिसाल
वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने भी मंच से कहा कि जहां दुनिया भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितताओं से जूझ रही है, वहीं भारत एक उम्मीद की किरण बना हुआ है. उन्होंने कहा, 'भारत का निर्यात तमाम वैश्विक संकटों के बावजूद स्थिर गति से आगे बढ़ रहा है. यह देश की आर्थिक नीतियों की मजबूती का प्रमाण है.'
इन सेक्टर्स से मिल रही मजबूती
नागराजू ने बताया कि दवा और रत्न-आभूषण जैसे क्षेत्रों से निर्यात में मजबूती देखने को मिली है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत की वित्तीय प्रणाली इस वक्त मजबूत स्थिति में है—कम NPA, पर्याप्त पूंजी और पारदर्शिता के चलते भारत की निर्यात क्षमता को बड़ा सपोर्ट मिल रहा है.
सरकार की प्रतिबद्धता और योजनाएं
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत की वैश्विक व्यापार में भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए सरकार नीतिगत समर्थन, योजनाओं और वित्तीय सहायता के जरिए निर्यातकों को सहयोग देती रहेगी. साथ ही, लॉजिस्टिक्स, टैक्स इंसेंटिव और डिजिटल व्यापार को भी प्राथमिकता दी जा रही है.


