सुप्रीम कोर्ट ने निमिषा प्रिया मामले की सुनवाई 14 अगस्त तक स्थगित की
यमनी सरकार ने हत्या के आरोप में फाँसी की सज़ा पाए भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फाँसी स्थगित कर दी है. अब उसकी किस्मत का फैसला मृतक तलाल अब्दो महदी के परिवार पर निर्भर है, जिन्होंने कहा है कि "न्याय होगा, चाहे इसमें देरी हो."

भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार, 18 जुलाई को यमन में मौत की सज़ा काट रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में सुनवाई 14 अगस्त तक स्थगित कर दी है. इससे निमिषा की फांसी रोकने के लिए भारत को कूटनीतिक और कानूनी प्रयासों को आगे बढ़ाने का अतिरिक्त समय मिल गया है. 16 जुलाई को उसकी निर्धारित फांसी को भारत के हस्तक्षेप के बाद रोक दिया गया था.
निमिषा प्रिया को यमन में एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई गई थी. बताया गया है कि वह व्यक्ति उसे प्रताड़ित कर रहा था और आत्मरक्षा में निमिषा ने यह कदम उठाया था. यमन में लागू शरिया कानून के अनुसार, क्षमादान का अधिकार मृतक के परिवार को होता है. इसलिए अब इस केस का भविष्य मृतक तलाल अब्दो महदी के परिवार की माफ़ी पर निर्भर है.
निमिषा प्रिया की सुरक्षित वापसी प्राथमिकता'
विदेश मंत्रालय (MEA) ने पुष्टि की है कि वह सक्रिय रूप से निमिषा की सहायता कर रहा है. मंत्रालय ने एक वकील की नियुक्ति की है जो यमनी कानूनी प्रक्रिया और संभावित क्षमादान या 'खून का पैसा' जैसे विकल्पों पर काम कर रहा है. चूंकि यमन के हूती-नियंत्रित क्षेत्र में भारत का कोई राजनयिक प्रतिनिधित्व नहीं है, इसलिए बातचीत जटिल रही है.
प्रतिनिधियों ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया
सुनवाई के दौरान, भारत सरकार के प्रतिनिधियों ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वे चाहते हैं कि निमिषा सुरक्षित भारत लौटे. सरकार ने अदालत को बताया कि वह सभी उचित प्रयास कर रही है और इसके लिए और समय चाहिए. अदालत ने यह समय देते हुए अगली सुनवाई 14 अगस्त को तय की है. उधर, मृतक महदी के परिवार ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि उन्हें न्याय चाहिए, चाहे उसमें देरी ही क्यों न हो. हालांकि कुछ मध्यस्थों ने परिवार को क्षमादान के लिए मनाने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक परिवार ने माफी नहीं दी है.
निमिषा को बचाने के लिए चल रही मुहिम
इस बीच, निमिषा को बचाने के लिए चल रही मुहिम को और गति मिली है. भारत सरकार, धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों और वकीलों का एक गठजोड़ यमन सरकार और महदी परिवार से बातचीत कर रहा है. अब सभी की नजरें 14 अगस्त की अगली सुनवाई और भारत के कूटनीतिक प्रयासों पर टिकी हैं, जिन पर एक भारतीय नागरिक की ज़िंदगी टिकी हुई है.


