Explainer : 'रायथु बंधु' योजना क्या है? इस पर रोक लगने से KCR सरकार को कितना नफा-नुकसान होगा

चुनाव आयोग ने तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार को द्वारा रायथु बंधु योजना के तहत किसानों को जारी करने वाली किस्त को रोक दिया है. इस पर बीआरएस ने प्रतिक्रिया जारी की है.

Pankaj Soni
Pankaj Soni

Telangana assembly election 2023 : तेलंगाना में सत्तासीन पार्टी बीआरएस के लिए रायथु बंधु योजना चुनाव में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. चुनाव आयोग ने इस योजना पर रोक लगा दी है, जिसके बाद यह चर्चा में है. बीआरएस इसको लेकर विक्टिम कार्ड खेलने का भी प्रयास कर सकती है. यह योजना क्या है आज हम इसके बारे में समझने का प्रयास करेंगे. साथ ही यह भी जानेंगे कि बीआरएस को यह योजना कितना ज्यादा लाभ पहुंचा सकती है.  

रायथु बंधु योजना क्या है?
तेलंगाना में KCR सरकार ने रायथु बंधु योजना किसानों के लिए 2018 में शुरू की थी. योजना के तहत फसल की बुआई में दो बार (रबी और खरीफ) में लगभग 58 लाख किसानों को 4,000 रुपये प्रति एकड़ दिया जाता है. साल 2015 में KCR सरकार ने अपने बजट में इस योजना के लिए 12,000 करोड़ रुपये आवंटित किया था. इसके बाद वित्तीय वर्ष 2019-2020 में इस राशि को बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया था. इसके बाद 2023 के बजट में राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 15,075 करोड़ रुपये का बजट रखा. इस योजना के लाभार्थी 2018 में 58 लाख थे, वहीं जुलाई 2023 इनकी संख्या बढ़कर 70 लाख हो गई. 

चुनाव आयोग ने योजना पर क्यों लगाई रोक?
25 नवंबर के आदेश में, चुनाव आयोग ने बीआरएस सरकार को योजना के तहत किस्त जारी रखने की अनुमति दी थी. आयोग की शर्त रखी थी कि वह चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक चर्चा में इस योजना का उपयोग नहीं करेगी, कोई लाभार्थी नहीं जोड़ा जाएगा और राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी.

इसके बाद 25 नवंबर को तेलंगाना के वित्त मंत्री हरीश राव ने पालकुर्थी में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “कांग्रेस 15,000 रुपये प्रति एकड़ देने का वादा कर रही है. हम पहले से ही प्रति एकड़ 10,000 रुपये दे रहे हैं और सत्ता में आने पर इसे बढ़ाकर 16,000 रुपये प्रति एकड़ कर देंगे. भुगतान 27 नवंबर को किया जाएगा. किसानों के चाय-नाश्ता करने से पहले ही उनके खाते में राशि आ जाएगी.”

योजना के तहत किस्त को रोकने के अपने आदेश में चुनाव आयोग ने कहा, "आयोग ने पाया है कि राव, जो सिद्दीपेट से बीआरएस पार्टी के उम्मीदवार हैं. पार्टी के स्टार प्रचारक और तेलंगाना के वित्त मंत्री भी हैं, ने न केवल आदेश का उल्लंघन किया है, आदर्श आचार सहिंता का भी उल्लंघन किया है." इस पर आयोग ने तेलंगाना सरकार को 27 नवंबर दोपहर 3 बजे से पहले रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया था.

क्या होगा चुनाव आयोग के आदेश का राजनीतिक असर? 
रायथु बंधु योजना के तहत बीआरएस किसानों के वोट को बटोरने की कोशिश में थी. ये योजना चुनाव के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण है. केसीआर और उनकी सरकार चुनावों से पहले इस योजना की "सफलता" का ढिंढोरा पीट रही है कि इससे किसानों का जीवन बदल गया है.

तेलंगाना में कितनी है कृषि भूमि 
तेलंगाना में लगभग 1.43 करोड़ एकड़ कृषि भूमि है. राज्य में करीब 55% लोग  कृषि क्षेत्र से जुड़े हैं. राज्य में सरकार बानाने में कृषक समुदाय का समर्थन एक महत्वपूर्ण कारक है.

चुनाव आयोग के फैसले पर BRS की क्या प्रतिक्रिया रही 
बीआरएस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था. पत्र में लिखा कि, “यह योजना (रायथु बंधु) पिछले साढ़े पांच वर्षों से चल रही है. चूंकि रबी का मौसम आ चुका है, इसलिए सरकार ने 24 नवंबर से योजना के तहत किस्त जारी करने का प्रस्ताव रखा है. इसके बाद आपको सूचित किया गया जिसके बाद 25 नवंबर को अनुमति दी गई." बाद में 27 नवंबर को आपके द्वारा इस पर रोक लगा दी गई.

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29 November 2023, 07:48 PM IST

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