ठाकरे कजिन्स की सुलह की अटकलें तेज, MVA में MNS के शामिल होने की चर्चा
मुंबई में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और MNS नेता राज ठाकरे के बीच सुलह की संभावनाओं ने जोर पकड़ा है. एनसीपी(एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने इस मेल-जोल का स्वागत किया, जबकि कांग्रेस के हर्षवर्धन सपकळ ने शर्त रखी कि राज ठाकरे भाजपा के खिलाफ लोकतंत्र की रक्षा में प्रतिबद्ध रहें.

मुंबई में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) नेता राज ठाकरे के बीच सुलह की चर्चाएँ जोरों पर हैं. उद्धव की अगुवाई वाले महाविकास अगड़ी (MVA) के सहयोगी दलों ने भी MNS को गठबंधन में जोड़ने का समर्थन करना शुरू कर दिया है.
एनसीपी(एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने इस संभावित मेल-जो़ल का स्वागत करते हुए कहा, “वे एक परिवार हैं और बाळासाहेब की विरासत का हिस्सा हैं… यदि यह विरासत पुनर्जीवित होती है, तो यह हमारे लिए एक ख़ुशी का पल होगा.”
उद्धव और राज की दूरी क्यों कम हो रही है?
2006 में शिवसेना से अलग होकर राज ठाकरे ने MNS की स्थापना की थी, जबकि उद्धव ठाकरे का शिवसेना (UBT) 2022 में MVA सरकार गिरने के बाद संकटकाल से जूझ रहा है. दोनों दल आगामी नगर निगम चुनाव में वापसी की तैयारी में हैं और MVA के भीतर MNS की भागीदारी से गठबंधन को मजबूती मिलने की उम्मीद है.
उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया
उद्धव ने सम्भावित सुलह की अटकलों को न तो झुठलाया और न ही पूरी तरह स्वीकारा, “महाराष्ट्र के लोगों की जो इच्छा होगी, वही होगा.” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं में कोई भ्रम नहीं है और जल्द ही “अच्छी खबर” साझा करेंगे.
कांग्रेस और MVA नेताओं की शर्तें
कांग्रेस महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकळ ने MNS को आमंत्रित करने पर शर्त रखी, “यदि राज ठाकरे भाजपा के खिलाफ लोकतंत्र और संविधान की रक्षा में प्रतिबद्ध रहते हैं, तो गठबंधन में विचार किया जा सकता है.”वहीं NCP(एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने साफ कहा कि अगर यह पारिवारिक मेल-जोल बाळासाहेब ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ाएगा, तो वे इसका स्वागत करेंगे.
अमित ठाकरे का मिडिया को सीधा संदेश
राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने कहा, “गठबंधन मीडिया में बयान देकर नहीं होता, दोनों नेताओं को फोन पर बात करनी चाहिए.” उन्होंने जोर दिया कि सुलह के लिए उद्धव और राज का आमना-सामना करना जरूरी है.
भाजपा की दूरी और फडणवीस की चुप्पी
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “इस मामले में मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है. राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे खुद तय करेंगे कि गठबंधन करना है या नहीं.”
अप्रैल में भी हुई थी पहल
अप्रैल में दोनों ठाकरे चचेरे भाइयों ने पल्ला झाड़ा था कि वे महाराष्ट्र के हित में अपने मतभेद भुला सकते हैं. उद्धव ने स्पष्ट किया कि राज को भाजपा या एकनाथ शिंदे समर्थित शिवसेना के साथ नहीं आना चाहिए.


