कोलकाता बलात्कार और हत्या मामले में अदालत का फैसला सुनकर छलक पड़ा मृतका के पिता का दर्द, राय दोषी करार
12 नवंबर को बंद कमरे में शुरू हुई सुनवाई के 57 दिन बाद सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास फैसला सुनाएंगे।इस मामले की जांच कर रही कोलकाता पुलिस ने शुरुआत में रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था, जिसके एक दिन बाद डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार रूम से बरामद किया गया था।

कोलकाता बलात्कार और हत्या मामले में पीड़िता के पिता शनिवार को अदालत में उस समय रो पड़े, जब मुख्य आरोपी संजय रॉय को अपराध का दोषी पाया गया। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 के तहत दोषी पाया गया। ज्ञात रहे कि पिछले साल 9 अगस्त को राज्य सरकार द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल की तीसरी मंजिल पर 31 वर्षीय ऑन ड्यूटी डॉक्टर का अर्धनग्न शव मिला था। अगले दिन रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया था।
अदालत में आवेदन दायर किया
सियालदह न्यायालय के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने फैसला सुनाया तो पीड़िता के पिता ने उनसे कहा कि उन्होंने उन पर जो "विश्वास किया था, उसका सम्मान किया गया है।" दोषी को सजा सोमवार को सुनाई जाएगी। हालांकि सुनवाई के दौरान रॉय ने कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है। 33 वर्षीय युवक ने कहा, "मैंने ऐसा नहीं किया है। जिन्होंने ऐसा किया है, उन्हें क्यों जाने दिया जा रहा है?" इस पर न्यायाधीश ने कहा कि उसे सोमवार को बोलने का अवसर दिया जाएगा। वर्तमान में कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में बंद संजय रॉय लगातार खुद को निर्दोष बताते रहे हैं और दावा करते रहे हैं कि उन्हें फंसाया जा रहा है। जबकि जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उसने अकेले ही यह काम किया, पीड़ित के परिवार ने दावा किया है कि अपराध में अन्य व्यक्ति भी शामिल थे। उन्होंने मामले की आगे जांच की मांग करते हुए अदालत में एक आवेदन भी दायर किया है।
10 अगस्त को किया गया था गिरफ्तार
मामले की शुरुआत में जांच कर रही कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को रॉय को गिरफ्तार कर लिया। बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दिया। रॉय की बंद कमरे में सुनवाई 12 नवंबर को शुरू हुई और 9 जनवरी को समाप्त हुई, जिसके दौरान 50 गवाहों की जांच की गई।


