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'मोस्ट वांटेड' नक्सली बसवराजू का अंत, अब मिशन 2026- 'नक्सल मुक्त भारत'

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में 24 दिनों तक चले ऐतिहासिक ऑपरेशन ने नक्सलवाद की रीढ़ तोड़ दी है. सुरक्षा एजेंसियों को अब पूरा विश्वास है कि 2026 तक भारत को पूरी तरह नक्सल-मुक्त बनाया जा सकता है.

भारत ने नक्सलवाद के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी और निर्णायक सफलता हासिल कर ली है. छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के घने अबूझमाड़ जंगलों में सुरक्षा बलों द्वारा चलाया गया 24 दिनों का ऑपरेशन ना केवल सैन्य दृष्टि से बल्कि मानसिक और वैचारिक स्तर पर भी माओवादियों पर भारी पड़ा है. अब सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है.

ये सफलता ना केवल सुरक्षा बलों के लिए उत्साहवर्धक है, बल्कि उन हजारों ग्रामीणों के लिए भी नई आशा लेकर आई है, जो सालों से माओवादी भय के साए में जी रहे थे. अब इन इलाकों में विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की असली शुरुआत संभव हो सकेगी.

ऑपरेशन अबूझमाड़: निर्णायक हमला

ये ऑपरेशन 21 अप्रैल 2025 को शुरू हुआ और करीब 1,200 वर्ग किलोमीटर के दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्र में चला. 45 डिग्री की तपती गर्मी, घने जंगल और 450 से ज्यादा बिछाए गए IEDs के बावजूद सुरक्षाबलों ने 21 मुठभेड़ों को अंजाम दिया और 216 माओवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया. माओवादियों की बम निर्माण में इस्तेमाल होने वाली 4 तकनीकी इकाइयों को भी ध्वस्त किया गया.

सेना का मनोबल बढ़ा

करीब 300 से ज्यादा सशस्त्र माओवादी, जिनमें PLGA की तकनीकी इकाई के सदस्य भी शामिल थे, इस इलाके में छिपे हुए थे. लेकिन इस बार सुरक्षा बलों की रणनीति, तकनीक और साहस भारी पड़ा. अबूझमाड़, जिसे कभी माओवादियों का ‘लाल किला’ कहा जाता था, अब उनकी मानसिक हार का प्रतीक बन गया है.

2026 तक नक्सलवाद का सफाया

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि माओवादियों का नेतृत्व अब छोटे-छोटे समूहों में बिखर गया है. ऑपरेशन का अगला चरण इन टॉप नेताओं को खत्म करने या आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने पर केंद्रित होगा. हाल की घटनाओं और माओवादियों की शांति वार्ता की इच्छा, इस रणनीति को बल प्रदान कर रही है.

लोकतांत्रिक संवाद की पहल

माओवादी केंद्रीय समिति के सदस्य ‘अभय’ ने 26 माओवादियों के मारे जाने की पुष्टि की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शांति वार्ता की अपील की. ये माओवादियों की वैचारिक कठोरता में दरार का संकेत है और लोकतांत्रिक बातचीत की ओर एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

जनता को मिली नई उम्मीद

ये ऑपरेशन जहां सरकार और सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाने वाला साबित हुआ है, वहीं उन ग्रामीणों के जीवन में भी उम्मीद की किरण बनकर आया है जो दशकों से गोलीबारी और खौफ में जीने को मजबूर थे. अबूझमाड़ ऑपरेशन ने दिखा दिया है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति और रणनीतिक दृढ़ता हो, तो नक्सलवाद का अंत अब सिर्फ लक्ष्य नहीं, एक निकट भविष्य है.

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26 May 2025, 04:28 PM IST

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