सरकार ने देश को गुमराह किया: सीडीएस जनरल चौहान के 'विमान गिराए जाने' वाले बयान पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने उठाए सवाल
सिंगापुर में सीडीएस के बयान को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार से जवाब मांगते हुए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रक्षा तैयारियों की स्वतंत्र समीक्षा की अपील की और वायुसेना की बहादुरी की सराहना की. उन्होंने अमेरिका के युद्धविराम दावों पर सवाल उठाए और पीएम मोदी पर सेना की वीरता का राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया. उन्होंने सीजफायर की शर्तों की पारदर्शिता की मांग की.

सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के हालिया बयान को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार से कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मामले को गंभीर बताते हुए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया है और इसलिए इस मसले की जांच के लिए कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति बनाकर रक्षा तैयारियों की समीक्षा करनी चाहिए.
सेना के साहस को किया सलाम
मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने बयान में भारतीय वायुसेना के पायलटों की बहादुरी की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा, “हमारे पायलटों ने दुश्मन से लड़ते हुए अपनी जान जोखिम में डाली. हालांकि कुछ नुकसान हुआ, लेकिन पायलट सुरक्षित हैं. सीडीएस के मुताबिक नुकसान की भरपाई करते हुए हमारे सभी जेट विमानों ने फिर से लंबी दूरी तक निशाना साधा. हमें उनके साहस और बहादुरी पर गर्व है.”
चुनावी व्यस्तता के बीच सरकार की चुप्पी
कांग्रेस अध्यक्ष ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्धविराम की क्रेडिट लेने पर भी मोदी सरकार से सवाल किए. खरगे ने कहा कि यह बयान शिमला समझौते का अपमान है. इसके अलावा, अमेरिकी वाणिज्य सचिव द्वारा इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट में दायर हलफनामे को लेकर भी केंद्र सरकार चुप्पी साधे हुए है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं और देश को सच्चाई बताने से बच रहे हैं.
सेना की बहादुरी का गलत इस्तेमाल करने का आरोप
खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सशस्त्र बलों की वीरता का व्यक्तिगत श्रेय ले रहे हैं, जबकि वे युद्धविराम की वास्तविक स्थिति को छुपा रहे हैं. उन्होंने कहा, “सीजफायर की घोषणा विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 10 मई को की थी, जो कि ट्रंप के ट्वीट के बाद हुई थी. क्या भारत और पाकिस्तान फिर से एक हो गए हैं? हमें युद्ध विराम की शर्तें जानने का हक है.” उन्होंने कहा कि देश के 140 करोड़ नागरिकों को इस विषय पर पूरी जानकारी दी जानी चाहिए.


