BJP का असली चेहरा, गरीब की आवाज दबाओ और आवाज उठाने वाले की आवाज बंद करा दो... आतिशी का बड़ा आरोप
दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज़ दबा रही है. उन्होंने कहा कि झुग्गियों को तोड़कर गरीबों को बेघर किया गया और जब उन्होंने यह मुद्दा सदन में उठाया तो उनका माइक दो बार बंद कर दिया गया. भाजपा ने AAP सरकार पर पुराने मामलों को लेकर सवाल उठाए, जिससे सदन में तनाव और तीखी बहस हुई.

दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन का माहौल बेहद गरम रहा. आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया. आतिशी ने कहा कि उन्हें "आप" के खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों का जवाब देने का मौका नहीं दिया गया और दो बार उनका माइक बंद कर दिया गया.
अध्यक्ष ने बीच में रोका, माइक भी किया बंद...
भाजपा विधायक अभय वर्मा ने सदन में आम आदमी पार्टी की पूर्व सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "सरकार ने भैंस को बकरी बनाकर पेश किया" और यह भी कहा कि जिसे ‘फांसी घर’ कहा गया, वो असल में 1911 के दस्तावेजों के अनुसार "टिफिन रूम" था. इस पर स्पीकर ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से माफी की मांग की. जब नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने इन आरोपों का जवाब देने की कोशिश की, तो विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बीच में रोक दिया और उनका माइक बंद करवा दिया.
गरीबों की आवाज दबा रही है सरकार
आतिशी ने कहा कि भाजपा की सरकार गरीबों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के कई इलाकों में झुग्गियों को गिरा दिया गया और "जहां झुग्गी वहीं मकान" का वादा झूठा साबित हुआ. बिना पुनर्वास के हज़ारों लोगों को बेघर कर दिया गया. उन्होंने कहा कि कोर्ट में सुनवाई से पहले ही बुलडोजर चलाकर घर गिरा दिए गए, जिससे गरीबों के जीवन पर संकट आ गया है. जब उन्होंने इस मुद्दे को सदन में उठाया, तो फिर से उनका माइक बंद कर दिया गया.
एक्स पर भी जताया विरोध
आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी विरोध जताते हुए लिखा "चुनाव से पहले 'जहां झुग्गी वहीं मकान' का वादा किया और सरकार बनते ही उन्हीं झुग्गियों पर बुलडोज़र चला दिया गया. जब मैंने विधानसभा में गरीबों की आवाज़ उठाई, तो स्पीकर ने माइक बंद कर दिया." सदन में भाजपा और "आप" के बीच तीखी बहस देखने को मिली, जहां आम आदमी पार्टी ने विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाया और भाजपा ने पूर्व सरकार पर भ्रष्टाचार और झूठे वादों के आरोप लगाए. यह विवाद आगे भी गहराने की संभावना है, क्योंकि दोनों पक्ष चुनावी मोड में नजर आ रहे हैं.


