Justice Yashwant Varma: जज के घर मिली नकदी पर गरमाई सियासत, 28 जुलाई को याचिका पर सुनवाई करेगा SC
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने अपने खिलाफ तीन-न्यायाधीशीय समिति की रिपोर्ट को रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 28 जुलाई को होगी. उनके घर से जली हुई करेंसी मिलने के बाद यह मामला सामने आया. न्यायमूर्ति वर्मा का आरोप है कि उन्हें न सुनवाई का पूरा अवसर मिला और न ही गवाहों से जिरह करने की अनुमति दी गई. लोकसभा और राज्यसभा में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी पेश किए गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट सोमवार, 28 जुलाई को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जो दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने दायर की है. यह मामला तब सामने आया जब उनके घर से जलाए गए नोटों का एक बड़ा बंडल बरामद हुआ था. इसके बाद न्यायाधीश वर्मा को जांच का सामना करना पड़ा. अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर उस रिपोर्ट को रद्द करने की मांग की है, जिसे सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय इन-हाउस जांच समिति ने तैयार किया था.
मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश पर उठाए सवाल
जस्टिस वर्मा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट में उनके खिलाफ केवल "संकेतात्मक साक्ष्य" के आधार पर निष्कर्ष निकाला गया, जो उचित नहीं है. इसके अलावा उन्होंने पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा की गई महाभियोग की सिफारिश को भी चुनौती दी है.
गवाहों से जिरह की अनुमति नहीं दी गई
जस्टिस वर्मा का कहना है कि जांच समिति ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन किया. उनके अनुसार, उन्हें अपना पक्ष रखने और गवाहों से जिरह करने का अधिकार नहीं दिया गया. याचिका में उन्होंने यह भी कहा कि समिति ने उल्टा उनसे यह साबित करने की मांग की कि वे निर्दोष हैं, जो कि कानून के विपरीत है.
घर से मिली भारी मात्रा में नकदी
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब 14 मार्च को न्यायाधीश वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर आग लगने की घटना हुई. आग बुझाने के दौरान फायर ब्रिगेड को बड़ी मात्रा में जली हुई नकदी मिली, जिसके बाद जांच एजेंसियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और आगे की छानबीन शुरू की.
सांसदों ने की न्यायाधीश को हटाने की मांग
इस पूरे घटनाक्रम के बाद लोकसभा में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसे 152 सांसदों ने हस्ताक्षर करके समर्थन दिया है. इस प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को सौंपा गया. इसमें कांग्रेस, तेदेपा, जेडीयू, जेडीएस और सीपीएम जैसी पार्टियों के सांसद शामिल हैं.
धनखड़ के खिलाफ भी आया था महाभियोग
राज्यसभा में भी पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को एक महाभियोग प्रस्ताव सौंपा गया, जिसमें 50 से अधिक राज्यसभा सांसदों ने हस्ताक्षर किए. यह प्रस्ताव ठीक उसी दिन सौंपा गया जब जस्टिस वर्मा ने अपना इस्तीफा दिया.


